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फंस गई बांग्लादेश सरकार...उस्मान हादी के समर्थकों ने मोहम्मद युनूस को दिया 24 घंटों का अल्टीमेटम

उस्मान हादी के अंतिम संस्कार में मोहम्मद यूनुस ने उन्हें आदर्श नेता बताया और उनके मूल्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया. इधर, इंकलाब मंच ने सरकार को अल्टीमेटम दिया, जबकि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः बांग्लादेश के छात्र नेता उस्मान हादी के अंतिम संस्कार के दौरान देश का राजनीतिक माहौल और अधिक संवेदनशील हो गया. शनिवार को मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने हादी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें ऐसा नेता बताया, जो अपने विचारों और संघर्ष के कारण लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा. यूनुस ने कहा कि हादी जिन मूल्यों और आदर्शों के लिए खड़े थे, उन्हें आगे बढ़ाना अब उनकी और सरकार की जिम्मेदारी है.

हजारों लोगों के बीच यूनुस का भावुक संबोधन

हादी के जनाजे में हजारों शोकाकुल लोग शामिल हुए. इस दौरान मोहम्मद यूनुस ने कहा कि न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि विदेशों में रहने वाले बांग्लादेशी भी हादी के जीवन और संघर्ष को जानने के लिए उत्सुक थे. उन्होंने कहा कि प्रिय उस्मान हादी, हम यहां आपको अलविदा कहने नहीं आए हैं. आप हमारे दिलों में बसे रहेंगे. जब तक बांग्लादेश रहेगा, तब तक आप इस देश की आत्मा का हिस्सा बने रहेंगे. यूनुस के इस बयान को भीड़ ने भावनात्मक समर्थन के साथ सुना.

हादी की राजनीतिक शैली को बताया आदर्श

यूनुस ने अपने संबोधन में उस्मान हादी की राजनीतिक सोच और कार्यशैली की सराहना की. उन्होंने कहा कि हादी ने यह सिखाया कि राजनीति में विनम्रता, संवाद और गरिमा कितनी जरूरी है. बिना किसी को अपमानित किए अपने विचार रखना और शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव प्रचार करना उनकी पहचान थी. यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश की राजनीति को उसी स्तर तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा, जहां हादी का आदर्श जीवित रह सके. उन्होंने यह भी जोड़ा कि नेतृत्व किसी दबाव के आगे नहीं झुकेगा और देश दुनिया के सामने सिर ऊंचा रखेगा.

इंकलाब मंच ने सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

इस बीच, हादी के संगठन इंकलाब मंच की ओर से सरकार पर दबाव बढ़ गया है. मंच से जुड़े नेता अब्दुल्ला अल जाबेर ने यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम जारी करते हुए मांग की कि हादी की हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को सार्वजनिक किया जाए. उन्होंने कहा कि यदि तय समय के भीतर सरकार ठोस कदमों की जानकारी नहीं देती है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.

भारत में भी उठा विरोध का स्वर

हादी की हत्या और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचारों को लेकर भारत में भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिले. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बंगिया हिंदू मंच ने मशाल जुलूस निकाला और वीनस मोर चौराहे पर मोहम्मद यूनुस का पुतला दहन किया. प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ नारे लगाए.

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल

सभा को संबोधित करते हुए बंगिया हिंदू मंच के अध्यक्ष बिक्रमादित्य मंडल ने बांग्लादेश प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि वहां हिंदू नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार पूरी तरह विफल रही है. मंडल ने हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि धार्मिक पहचान के आधार पर हिंसा, मंदिरों को नुकसान, आगजनी और अन्य अत्याचार सुनियोजित तरीके से किए जा रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग

बंगिया हिंदू मंच ने वैश्विक मानवाधिकार संगठनों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर तत्काल अंतरराष्ट्रीय ध्यान देने की मांग की. संगठन का कहना है कि यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं. उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश की राजनीति, सरकार और समाज तीनों के सामने बड़े सवाल खड़े हो गए हैं, जिनके जवाब आने वाले दिनों में देश की दिशा तय करेंगे.

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21 December 2025, 09:26 AM IST

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