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फिर से क्यों जल उठा बांग्लादेश? मोहम्मद युनूस के सहयोगी ने किया बड़ा खुलासा

बांग्लादेश में हालिया हिंसा को लेकर बीएनपी नेता मिर्जा अब्बास ने इसे आंतरिक साजिश बताया और भारत की भूमिका से इनकार किया. उन्होंने अंतरिम सरकार पर अस्थिरता रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए जनता से सतर्क रहने की अपील की.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः बांग्लादेश में हाल के दिनों में हुई हिंसा, आगजनी और विरोध प्रदर्शनों को लेकर बड़ा राजनीतिक खुलासा सामने आया है. इन घटनाओं को लेकर भारत पर लगाए जा रहे आरोपों को बांग्लादेश की ही एक प्रमुख विपक्षी पार्टी ने सिरे से खारिज कर दिया है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के वरिष्ठ नेता मिर्जा अब्बास ने साफ कहा है कि देश में जारी अशांति किसी बाहरी हस्तक्षेप का नतीजा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी आंतरिक साजिश का हिस्सा है. उनके इस बयान से मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और अंतरिम सरकार की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

हिंसा के पीछे योजनाबद्ध साजिश का दावा

बीएनपी के वरिष्ठ नेता मिर्जा अब्बास ने दावा किया है कि हालिया हिंसक घटनाएं अचानक नहीं हुईं, बल्कि इसके पीछे एक संगठित राजनीतिक डिजाइन काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल और नेता जानबूझकर देश में अस्थिरता फैलाना चाहते हैं ताकि अपने स्वार्थ पूरे कर सकें. उनका आरोप है कि इन ताकतों को बीएनपी के कार्यकारी चेयरमैन तारिक रहमान की बांग्लादेश वापसी से डर लग रहा है.

तारिक रहमान की वापसी से बढ़ी बेचैनी

मिर्जा अब्बास के मुताबिक, जैसे ही तारिक रहमान ने बांग्लादेश लौटने की घोषणा की, उसके तुरंत बाद हत्या और हिंसा की घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया. उन्होंने इसे महज संयोग मानने से इनकार करते हुए कहा कि यह साफ तौर पर एक पूर्व-नियोजित साजिश का संकेत है. अब्बास ने कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक कुर्सी खतरे में देख रहे हैं और इसी डर के कारण देश को अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं.

कार्यकर्ता बैठक में बड़ा बयान

यह बयान शनिवार को ढाका के गोपीबाग इलाके में आयोजित बीएनपी की एक कार्यकर्ता बैठक के दौरान दिया गया. यह बैठक तारिक रहमान की संभावित वापसी के स्वागत की तैयारियों को लेकर बुलाई गई थी. बैठक में मिर्जा अब्बास ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मौजूदा हालात से घबराएं नहीं और अफवाहों में न आएं. उन्होंने कहा कि तारिक रहमान की वापसी लोकतंत्र की वापसी का प्रतीक है.

मीडिया और सांस्कृतिक संस्थानों पर हमले

हाल के दिनों में बांग्लादेश में कई अखबारों और सांस्कृतिक संस्थानों पर हमले हुए हैं. ‘द डेली स्टार’ और ‘प्रथम आलो’ जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के दफ्तरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आईं. इसके अलावा सांस्कृतिक संस्था ‘छायानट’ को भी निशाना बनाया गया. मिर्जा अब्बास ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए सवाल किया कि क्या ऐसी हरकतें देशभक्ति का प्रतीक हो सकती हैं. उन्होंने साफ कहा कि ऐसे लोग देश के दुश्मन हैं.

सरकार और एजेंसियों पर तीखा हमला

बीएनपी नेता ने अंतरिम सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आगजनी और भीड़ हिंसा को रोकने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा है. मिर्जा अब्बास का कहना है कि बीएनपी ने सरकार को सहयोग की पेशकश की थी, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक ताकतें जानबूझकर हालात बिगाड़ रही हैं ताकि चुनावी प्रक्रिया को बाधित किया जा सके.

चुनाव बिगाड़ने की साजिश का आरोप

मिर्जा अब्बास ने दावा किया कि देश में चुनाव टालने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की भी साजिश रची जा रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि बीएनपी ऐसी किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी. बिना किसी दल का नाम लिए उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें ऐसी हैं जिन्होंने पहले पाकिस्तान का समर्थन किया और बाद में बांग्लादेश के निर्माण का भी विरोध किया. ऐसे लोग कभी देश में शांति नहीं चाहते.

जनता से सतर्क रहने की अपील

अपने भाषण के अंत में मिर्जा अब्बास ने जनता से अपील की कि वे हिंसा फैलाने वालों की चाल को समझें और लोकतंत्र के समर्थन में एकजुट रहें. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोई भी साजिश अंततः नाकाम होगी और देश फिर से लोकतांत्रिक रास्ते पर आगे बढ़ेगा.

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21 December 2025, 08:28 AM IST

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