तेजी से बढ़ रहे हार्ट फेलियर के मामले, जानें लक्षण और बचाव के उपाय
दिल की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं. इसमें एक प्रमुख समस्या हार्ट फेल्योर बनती जा रही है. यह ऐसी स्थिति होती है जब दिल शरीर की ज़रूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पंप कर पाता.

इन दिनों दिल की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं, जिनमें से एक प्रमुख समस्या हार्ट फेल्योर बनती जा रही है. यह ऐसी स्थिति होती है, जब दिल शरीर की ज़रूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पंप कर पाता. यह समस्या आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होती है, लेकिन कुछ संकेतों के ज़रिये इसे समय रहते पहचाना जा सकता है.
हार्ट फेल्योर के प्रमुख लक्षण
सांस लेने में दिक्कत: हल्का चलने, सीढ़ी चढ़ने या लेटते समय सांस फूलने लगती है. रात में बार-बार नींद टूटने का कारण भी यही हो सकता है.
थकान महसूस होना: जब दिल पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाता तो शरीर जल्दी थकने लगता है और कमजोरी महसूस होती है.
शरीर में सूजन: खासतौर पर पैरों, टखनों और पेट में सूजन आ जाती है, क्योंकि दिल के कमजोर होने से शरीर में पानी जमा होने लगता है.
तेज़ या अनियमित धड़कन: दिल को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है जिससे उसकी धड़कन तेज या असामान्य हो सकती है.
भूख न लगना और मतली: पाचन प्रणाली तक रक्त संचार कम होने से भूख घट जाती है और उलझन जैसी स्थिति बनी रहती है.
वजन में बदलाव: शरीर में फ्लूइड रिटेंशन के कारण वजन बढ़ सकता है. वहीं, पोषक तत्वों के ठीक से अवशोषित न होने पर वजन कम भी हो सकता है.
रोकथाम के लिए क्या करें?
संतुलित आहार अपनाएं: कम नमक खाएं और फलों, सब्जियों, साबुत अनाज व लीन प्रोटीन से भरपूर डाइट लें. जंक और फ्राइड फूड से बचें.
नियमित वर्कआउट: डॉक्टर की सलाह से वॉकिंग, योग और साइक्लिंग जैसी हल्की एक्सरसाइज करें. इससे दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
वजन नियंत्रित रखें: मोटापा हार्ट डिजीज की संभावना को बढ़ाता है. बीएमआई सामान्य बनाए रखें.
धूम्रपान और शराब से दूरी: ये आदतें धमनियों को नुकसान पहुंचाती हैं और हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ाती हैं.
तनाव को करें कम: ध्यान, गहरी सांसें और पर्याप्त नींद से तनाव को कम किया जा सकता है.
रेगुलर मेडिकल चेकअप: ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की समय-समय पर जांच करवाएं.
दवाएं समय पर लें: यदि कोई हृदय रोग है तो डॉक्टर की बताई दवाएं नियमित लें.


