मंगल को मजबूत बनाता है मूंगा रत्न.....लेकिन इस बात का रखें ध्यान
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल कमजोर है तो उसे मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि मूंगा अपना असर जल्द ही बताता है
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल कमजोर है तो उसे मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि मूंगा अपना असर जल्द ही बताता है लेकिन इस रत्न को बगैर ज्योतिषीय सलाह से कभी भी धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा इसका परिणाम विपरीत भी हो सकता है।
मूंगा रत्न उसे ही पहनने की सलाह दी जाती है जिसकी कुंडली अच्छी तरह से देखी जाए और इसके बाद ही इसे ज्योतिषी की सलाह से पहनना चाहिए। मूंगा मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे धारण करने वाले को भौतिक सुख साधन अवश्य ही प्राप्त होते है। यूं सामान्य रूप से मेष, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातकों को मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है वहीं जिन लोगों को विवाह में बाधा उत्पन्न होती है उन्हें भी कुंडली की स्थिति देखकर मूंगा धारण कराया जाता है।
सही रत्ती का यदि मूंगा धारण किया जाए तो धन लाभ की भी स्थिति कभी बिगड़ती नहीं है। ज्योतिषियों का कहना है कि मूंगा रत्न सोने या फिर चांदी की अंगूठी में ही पहना जाता है इसलिए इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि अन्य किसी धातू में मूंगा न पहना जाएं। इसे मंगलवार के दिन ही धारण करना उत्तम रहता है। हालांकि एक दिन पहले सोमवार की शाम इसे गंगाजल और कच्चे दूध में डालकर रख देना चाहिए और फिर दूसरे दिन मंगलवार को इस रत्न को शुभ लाभ वाले मुहूर्त में धारण करें। दूध से निकालने के बाद इसे गंगाजल से धोना न भूले और फिर ही इस रत्न को मंगल से शुभता प्रदान करने की प्रार्थना कर धारण करें।