क्या आप जानते हैं पृथ्वी पर 7 अमर व्यक्ति आज भी हमारे बीच मौजूद है।
पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर 7 अमर व्यक्ति आज भी हमारे बीच मौजूद है वैसे तो पृथ्वी पर जो भी व्यक्ति जन्म लेता है उसे मृत्यु लोक जाना ही पड़ता है लेकिन पूराणों में ऐसे 7 व्यक्ति का जिक्र किया गया है जो कभी मर नहीं सकते हैं वो अमर है और पृथ्वी पर आज भी मौजूद है। आपको बता दें कि ये कोई साधारण इंसान नहीं हैं इनके पास अनेकों दिव्य शक्ति है
पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर 7 अमर व्यक्ति आज भी हमारे बीच मौजूद है वैसे तो पृथ्वी पर जो भी व्यक्ति जन्म लेता है उसे मृत्यु लोक जाना ही पड़ता है लेकिन पुराणों में ऐसे 7 व्यक्ति का जिक्र किया गया है जो कभी मर नहीं सकते हैं वो अमर है और पृथ्वी पर आज भी मौजूद है। आपको बता दें कि ये कोई साधारण इंसान नहीं हैं इनके पास अनेकों दिव्य शक्ति है
ये हैं 7 अमर व्यक्ति जो पृथ्वी पर आज भी मौजूद हैं।
परशुराम - परशुराम जी श्रीहरि विष्णु के छठवें अवतार माने जाते हैं भगवान परशुराम को अमरत्व का वरदान प्राप्त है वैसे तो इनके मां बाप के द्वारा दिया गया नाम राम था परंतु परशुराम जी भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्रसन्न कर दिए जिसके फलस्वरूप भगवान शिव ने इन्हें एक फरसा दिया था जिसके बाद से इनका नाम परशुराम पड़ गया। भगवान परशुराम इतने बलवान थे की इन्होने 21 बार धरती को क्षत्रियहीन कर दिया था।
हनुमान जी- श्री राम जी के परम भक्त हनुमान जी को कौन नहीं जानता आपको बतां दें कि हनुमान जी को कभी न मरने का वरदान मिला है। जब राम जी अयोध्या छोड़ बैकुण्ठ जा रहें थे तब उन्होंने हनुमान जी को पृथ्वी पर रहने का आदेश दिया था तब से हनुमान जी पृथ्वी पर रह कर राम जी के आज्ञा का पालन कर रहें है।
विभीषण- लंका के राजा रावण के छोटे भाई विभीषण जी हैं। यह सत्य तथा धर्म के राह पर सदैव रहते है। इसलिए इन्हें अमर रहने का वरदान मिला है। जब श्रीराम और रावण का युद्ध आरंभ हुआ था तब विभीषण जी ने अपने भाई रावण का साथ न देकर सत्य का साथ देने के लिए श्रीराम के शरण में गए युद्ध में रावण का अंत हुआ और स्तय की जीत हुई। उसके बाद राम जी ने विभीषण को लंका की राजगद्दी सौंप दिए।
दैत्यराज बलि- दैत्यराज बलि अतयंत पराक्रमी और बलवान थे। उन्होंने देवताओं को हराकर समस्त लोको पर अपना अधिकार कर लिये थे। राजा बलि महान दानी भी जिन्होंने भगवान विष्णु के बामन अवतार को भिक्षा में सर्वस्व राज पाठ खुशी खुशी न्यौछावर कर दिया था। जिसके बाद भगवान राजा बलि से खुश होकर अनंत काल के लिए पाताल लोक का राजा बना दिए। आज भी ऐसा माना जाता हैं कि राजा बलि आज भी पाताल पर राज कर रहे है। और भगवान प्रतिवर्ष राजा बलि को दर्शन देने स्वय पाताल लोक जाते हैं।
महर्षि वेद व्यास जी- महर्षि वेद व्यास जी भगवान श्रीहरि के अंश कहे जाते है। इन्होंने श्रीमदभगवद महापुराण समेत अनेकों अनेक ग्रन्थ उदभासित किये है। भगवान कृष्ण जब अपनी लीला समाप्ति के बाद बैकुण्ठ जा रहें थे तो उससे पहले कृष्ण जी ने अपने स्वरूप को भगवद जी में विराजमान कराया था।
अश्वत्थामा - अश्वत्थामा गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र है इन्हें श्री कृष्ण जी के द्वारा धरती पर दर-दर भटकने का श्राप मिला था। माना जाता है कि अश्वत्थामा आज भी धरती पर इधर उधर भटक रहे हैं और अपनी सजा भोग रहे हैं।
कृपाचार्य- कृपाचार्य महर्षि गौतम शरद्वान के पुत्र थे। और कौरवों एवं पाण्डवों के गुरु थे,बतां दें कि कृपाचार्य को भी भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप के दर्शन प्राप्त हुआ था, इन्होंने महाभारत युद्ध रोकने के कई प्रयत्न किए लेकिन दुर्योधन नहीं माने इन्ही कारणों से इन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त हुआ है।