Sheetala Ashtami 2023: इंफेक्शन और बीमारियों से बचाता है यह व्रत जानिए कैसे?

चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी को शीतला माता की पूजा की जाती है।इसके आलावा इस दिन कई घरों में अनेक प्रकार के व्यंजन भी बनाएं जाते हैं।साथ ही इस मान्यता है कि अष्टमी तिथि पर शीतला माता को बासी-ठंडे भोजन का भोग लगाया जाता है। साथ ही इस दिन बासी भोजन का ही सेवन किया जाता है।

Shweta Bharti
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शीतला अष्टकमी का व्रत हिंदू धर्म में कई समय पहले से अहम माना जा रहा है। साथ ही इस व्रत को बासोडा के नाम से भी जाना जाता है।शीतला माता के भक्त इस पर्व को पूरे 2 दिन तक मनाते हैं।शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी को शीतला माता की पूजा की जाती है।इसके आलावा इस दिन कई घरों में अनेक प्रकार के व्यंजन भी बनाएं जाते हैं।साथ ही इस मान्यता है कि अष्टमी तिथि पर शीतला माता को बासी-ठंडे भोजन का भोग लगाया जाता है। साथ ही इस दिन बासी भोजन का ही सेवन किया जाता है।

किस कारण से लगाते हैं लोग माता को बासी भोजन का भोग?

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जो भी महिलाएं इस पर्व को मनाती हैं उनके घर में ताजा भोजन नहीं बनाया जा सकता है बल्कि इस ठंडा भोजन खाने की परंपरा काफी समय से चलती आ रही है। यही कारण है माता को प्रसन्न करने के लिए ठंडी चीजों का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही उत्तर भारत में शीतला सप्तमी या अष्टमी के इस व्रत को बसौड़ा भी कहते हैं।

गर्मियां शुरु होते ही सबसे पहले किचन में रखा भोजन ही खराब होने लगता है। जो भी मां के व्रत करते हैं उन्हें बुखार, इंफेक्शन, चेचक और आंखों की बीमारियां नहीं होती हैं। इसके साथ ही शीतला मां सफाई से रहने की भी सीख देती हैं साथ ही माता का वाहन गधा है।इसके आलावा माता के हाथ में अनेक प्रकार की चीजे भी होती है जैसे-कलश, झाडू, नीम के पत्ते व आदि है।

शीतला माता की व्रत कथा

काफी समय पहले की बात है एक गांव मेंएक महिला शीतला माता की पूजा-अर्चना करती थी। साथ ही वह शीतला माता का बहुत बड़ी भक्त थी। वह सभी प्रकार के शीतला माता के व्रत करना नहीं भूलती थी लेकिन स महिला को छोड़कर गांव में कोई भी माता का पूजा नहीं करता था।उस महिला को पूजा करते-करते काफी समय हो चुका था। एक बार गांव में किसी कारण आग लग गई और सभी लोगों के घर जल गए लेकिन शीतला माता की भक्त के घर में कुछ भी हुआ। यह देख गांव के सभी लोग चौंक गए साथ ही तभी से माता शीतला की सभी गांव वाले पूजा करने लगे।

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15 March 2023, 04:46 PM IST

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