Explainer: हर साल क्यों लगता है खरमास, ये शुभ होता है या अशुभ? पढ़ें इससे जुड़ी सभी जानकारी

 Kharmas 2023: इस साल 16 दिसंबर से खरमास लगने जा रहा है जो 14 जनवरी 2024 तक रहेगी. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ कार्य (विवाह, मुंडन जैसे) नहीं किया जाता है. तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

दीक्षा परमार
दीक्षा परमार

हाइलाइट

  • कल से शुरू हो रहा खरमास
  • 16 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक रहेगा खरमास

Kharmas 2023: सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के बाद सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं. पंचांग के अनुसार 16 दिसंबर को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे जो 14 जनवरी तक इसी राशि में गतिशील रहेंगे. सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करना ही खरमास कहलाता है. यह लगभग एक माह तक रहता है जिसमें ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य करने की मनाही है.

खरमास क्यों लगता है-

दरअसल, सब सूर्य देव बृहस्पति राशि में प्रवेश करते हैं तो उनका बल कमजोर हो जाता है. इसी वजह से इस समय कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. हर साल 2 बार खरमास लगता है. पहली जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है. इस साल खरमास कल से यानी 15 दिसंबर से लगने जा रहा है.

खरमास में क्यों नहीं किया जाता है मांगलिक कार्य-

धर्म शास्त्रों के मुताबिक खरमास के दौरान मांगलिक कार्य जैसे- शादी विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे काम देव गुरु बृहस्पति की शुभ स्थिति पर विचार किया जाता है लेकिन जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि में धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो बृहस्पति का प्रभाव कम हो जाता है यानी कमजोर हो जाता है. यही कारण है कि, खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है क्योंकि इसके परिणाम अशुभ होते हैं.

खरमास के पीछे की पौराणिक कथा-

मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, सूर्य सात घोड़े के रथ से पूरी सृष्टि की परिक्रमा करते हैं. इस दौरान सूर्य को एक क्षण भी रुकने व धीमा होने का अधिकार नहीं लेकिन लगातार यात्रा करने की वजह से सूर्य के सात घोड़े हेमंत ऋतु में थककर तालाब के पास पानी पीने के लिए रुकते हैं.

इस दौरान सूर्य को अपनी जिम्मेदारी याद आता है कि, वो रुक नहीं सकते चाहें उनका घोड़ा भले ही रुक जाए. सृष्टी पर संकट ने आ जाए इसलिए सूर्यदेव तालाब के पास खड़े दो गधों को रथ में जोडकर परिक्रमा जारी रखते हैं. हालांकि घोड़े की तरह गधे तेजी से ब्रह्मांड की यात्रा नहीं करते है. उनकी गति घोड़े की अपेक्षा मंद होती है जिसकी वजह से सूर्य का तेज कमजोर हो जाता है.

इसलिए इस महीने में धूप भी कम दिखाई देती है. वहीं खरमास के बाद यानी मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव फिर अपने सात घोड़ों को रथ में लगाकर यात्रा शुरू करते हैं जिसके बाद खरमास खत्म हो जाता है और मांगलिक कार्य शुरू हो जाता है.

 

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15 December 2023, 07:12 PM IST

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