आईसीसी ने एशिया कप विवाद के लिए हारिस राउफ को किया निलंबित, सूर्यकुमार यादव पर लगा जुर्माना
आईसीसी ने एशिया कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैचों के संबंध में अपनी आधिकारिक सुनवाई के परिणाम जारी कर दिए हैं.

आईसीसी ने एशिया कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैचों के संबंध में अपनी आधिकारिक सुनवाई के परिणाम जारी किए हैं. आईसीसी ने मैचों में अनुशासनहीन आचरण करने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की है. पाकिस्तान के हारिस रऊफ पर दो मैचों का प्रतिबंध लगाया गया है, जबकि भारत के सूर्यकुमार यादव पर मैच फीस का तीस प्रतिशत जुर्माना और दो डिमेरिट अंक लगाए गए हैं.
14 सितंबर 2025 – भारत बनाम पाकिस्तान
आईसीसी मैच रेफरी रिची रिचर्डसन की सुनवाई के बाद निर्णय लिया गया कि भारत के सूर्यकुमार यादव आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.21 का उल्लंघन करने के दोषी पाए गए. यह धारा खेल को बदनाम करने वाले व्यवहार को रोकने के लिए लागू है. सूर्यकुमार यादव पर मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और उन्हें दो डिमेरिट अंक दिए गए.
पाकिस्तान के एस. फरहान को भी इसी अपराध में दोषी पाया गया और उन्हें आधिकारिक चेतावनी के साथ एक डिमेरिट अंक दिया गया. वहीं हारिस रऊफ को भी इसी धारा के उल्लंघन का दोषी मानते हुए मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना और दो डिमेरिट अंक दिए गए.
21 सितंबर 2025 – भारत बनाम पाकिस्तान
आईसीसी मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट की सुनवाई के बाद भारत के अर्शदीप सिंह को अनुच्छेद 2.6 के कथित उल्लंघन का दोषी नहीं पाया गया. यह अनुच्छेद अश्लील, आक्रामक या अपमानजनक हावभाव से संबंधित है. इसके कारण अर्शदीप सिंह पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया.
28 सितंबर 2025 – फाइनल, भारत बनाम पाकिस्तान
फाइनल मैच में भारत के जसप्रीत बुमराह ने खेल को बदनाम करने वाले आचरण के लिए अनुच्छेद 2.21 के तहत आरोप स्वीकार कर लिए. उन्होंने प्रस्तावित चेतावनी को भी स्वीकार किया, जिसके चलते उन्हें एक डिमेरिट अंक मिला. चूंकि उन्होंने सजा स्वीकार कर ली, इसलिए इस मामले में औपचारिक सुनवाई की आवश्यकता नहीं पड़ी.
इसी फाइनल में पाकिस्तान के हारिस रऊफ को फिर से धारा 2.21 के उल्लंघन का दोषी पाया गया. उन्हें मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना और दो अतिरिक्त डिमेरिट अंक दिए गए. इस तरह हारिस रऊफ पर कुल मिलाकर दो मैचों का प्रतिबंध और चार डिमेरिट अंक लागू हुए.
आईसीसी का यह निर्णय खेल में अनुशासन बनाए रखने और खिलाड़ियों को जिम्मेदार आचरण के प्रति सजग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.


