महाराष्ट्र में 'मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना' के 26 लाख लाभार्थी अपात्र घोषित, होगी जांच और कार्रवाई
महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना के तहत 26 लाख अयोग्य लाभार्थियों को अपात्र घोषित किया है. यह निर्णय उनके आर्थिक स्थिति की जांच के बाद लिया गया. अब इन महिलाओं का फिजिकल वेरिफिकेशन होगा और अपात्र पाए जाने पर रिकवरी की जाएगी. योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये मिलते हैं.

Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana : महाराष्ट्र सरकार ने 'मुख्यमंत्री लड़की बहिन योजना' के तहत लाभ ले रही लगभग 26 लाख महिलाओं को अयोग्य (अपात्र) करार दिया है. यह निर्णय आर्थिक स्थिति की जांच के बाद लिया गया है. राज्य की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अदिति तटकरे ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि लाखों महिलाएं इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं, फिर भी उन्हें लाभ मिल रहा है.
अब होगा फिजिकल वेरिफिकेशन
योजना की पात्रता, किन्हें मिल सकता है लाभ?
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलना चाहिए जिनकी आयु 21 से 65 वर्ष के बीच हो. जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम हो. जो पहले से किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ नहीं ले रही हों यह योजना जुलाई 2024 में शुरू की गई थी. इसके कुछ ही महीनों बाद हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को बड़ी जीत मिली थी. माना जाता है कि इस योजना ने भी उस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
कुछ परिवारों में कई महिलाओं को मिल रहा लाभ
विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि कई परिवारों में एक से ज्यादा महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं, जो कि नियमों के खिलाफ है. इसके अलावा, कई महिलाएं ऐसी भी मिलीं जिन्हें पहले से अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है, फिर भी वे इस योजना से भी पैसा ले रही थीं. अब तक राज्य में 2.25 करोड़ महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं, जिनमें से अधिकांश को पात्र माना गया है. लेकिन सरकार की कोशिश है कि हर लाभार्थी की दोबारा जांच हो, ताकि कोई भी अपात्र महिला इस योजना से पैसा न ले सके.
पारदर्शिता और सही लाभार्थियों को प्राथमिकता
मंत्री अदिति तटकरे ने साफ किया कि सरकार का मकसद सिर्फ अपात्र महिलाओं को बाहर करना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि कोई वास्तव में योग्य महिला योजना से वंचित न रहे. इसलिए फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा.


