अखिलेश यादव के सांसद अफजाल अंसारी ने BKU नेता नरेश टिकैत का किया समर्थन, रखी यह मांग

गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी ने कांवड यात्रा पर बड़ा बयान देते हुए, उन्होने कहा कि बात को विवादित बना देना ठीक नहीं है. सरकार का जो काम हो वो करेगी.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Afzal Ansari: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अफजाल अंसारी और भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता नरेश टिकैत ने कांवड़ यात्रा के दौरान होटल-ढाबों पर नेमप्लेट लगाने के मुद्दे पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस बयान ने न केवल धार्मिक और सामाजिक बहस को जन्म दिया है, बल्कि सूबे की राजनीति में भी नया मोड़ ला दिया है। दोनों नेताओं ने कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा लागू किए गए नियमों पर सवाल उठाए हैं, विशेष रूप से नेमप्लेट लगाने के निर्देश को लेकर। 


नरेश टिकैत ने नेमप्लेट नियम का किया विरोध

बागपत में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कांवड़ यात्रा के दौरान होटल और ढाबों पर नेमप्लेट लगाने के नियम का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने इसे मुस्लिम समुदाय की रोजी-रोटी से जोड़ते हुए कहा, "यह मुसलमानों के रोजी-रोटी से जुड़ा मसला है। सावन भर इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए।" साथ ही उन्होंने प्रशासन से ऊंची हाइट के डीजे, लाइट और हुड़दंग पर रोक लगाने की मांग की। 


अफजाल अंसारी का नरेश टिकैत को समर्थन

समाजवादी पार्टी के गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने नरेश टिकैत के बयान का समर्थन करते हुए इस मुद्दे को सामाज से जोड़ा। उन्होंने टिकैत के रुख को सही ठहराते हुए कहा कि यह नियम भेदभाव को बढ़ावा दे सकता है। अंसारी ने इस मामले में प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाए और इसे सामुदायिक एकता के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों को सभी समुदायों के बीच एकता का प्रतीक बनना चाहिए, न कि विवाद का कारण। अंसारी ने यह भी मांग की कि प्रशासन को इस तरह के नियमों पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि किसी भी समुदाय की भावनाएं आहत न हों।

कांवड़ यात्रा और सियासत 

कांवड़ यात्रा उत्तर भारत में सावन का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा दिए गए, इस बयान ने उत्तर प्रदेश की सियासत में नई बहस छेड़ दी है। समाजवादी पार्टी और भारतीय किसान यूनियन ने इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की है। दोनों नेताओं के बयान न केवल धार्मिक मुद्दों पर केंद्रित हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक पहलुओं को भी उजागर करते हैं। यह मामला आगामी विधानसभा चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। नरेश टिकैत और अफजाल अंसारी के बयानों ने कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशासनिक नियमों पर एक नई बहस शुरू कर दी है। 

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05 July 2025, 11:22 AM IST

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