सीएम केजरीवाल को विदेश यात्रा की अनुमति न देने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सिंगापुर विवाद अब दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सिंगापुर विवाद अब दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कैलाश गहलोत की याचिका पर विदेश वित्त एवं गृह मंत्रालयों के जरिये केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को नोटिस जारी किए और जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। कुछ समय की मोहलत देते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 23 जनवरी 2023 की तारीख दी।
बता दें कि कैलाश गहलोत की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि विवेकाधिकार के दुरुपयोग का यह कोई पहला मामला नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री को इससे पहले 2019 में कोपेनहेगन में सी-40 विश्व महापौर शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी गई थी।
दायर याचिका के अनुसास, खुद याचिकाकर्ता गहलोत को लंदन यात्रा की अनुमति तब तक नहीं दी गई थी, जब तक उनका अनुरोध निष्प्रभावी नहीं हो गया था। दिल्ली सरकार में मंत्री गहलोत ने अपनी याचिका में राज्य सरकार के मंत्रियों की आधिकारिक विदेश यात्राओं के लिए अनुमति देने या न देने को लेकर केंद्र सरकार के अधिकारों के संबंध में दिशानिर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया है।
याचिका में कहा गया है कि सिंगापुर की खास यात्रा की अनुमति से इनकार करने का कोई प्रथम दृष्टया कारण या आधार प्रतीत नहीं होता है और इस प्रकार अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से मनमाना फैसला लिया है।