गाजियाबाद-नोएडा में शराब बिक्री 50% घटी
दिल्ली में सस्ती शराब बिकने से उत्तर प्रदेश में तस्करी बढ़ी है। नतीजा, दिल्ली बॉर्डर वाले यूपी के ठेकों पर शराब बिक्री 50 फीसदी तक घट गई है।
दिल्ली में सस्ती शराब बिकने से उत्तर प्रदेश में तस्करी बढ़ी है। नतीजा, दिल्ली बॉर्डर वाले यूपी के ठेकों पर शराब बिक्री 50 फीसदी तक घट गई है।
आंकड़ों के अनुसार, मई-2021 में गाजियाबाद में विदेशी शराब की करीब 15 लाख बोतलें बिकी थीं। मई-2022 में इनकी बिक्री घटकर सात लाख के आस-पास रह गई हैं। इससे आबकारी विभाग ने बीते महीने में सवा 13 करोड़ रुपए का सरकारी घाटा बताया है। ठीक यही स्थिति पड़ोसी जिले गौतमबुद्धनगर की है। मई-2021 में यहां 10 लाख शराब बोतलों की बिक्री हुई थी, जो मई-2022 में घटकर छह लाख रह गई है।
दिल्ली के बॉर्डर वाले गाजियाबाद के करीब 35 शराब ठेकों की बिक्री पर खासा असर पड़ा है। इन ठेकों पर सिर्फ क्वार्टर या हाफ बोतल शराब ही बिक रही है। पूरी बोतल शराब की बिक्री बहुत कम हो गई है।जिला गौतमबुद्धनगर में आबकारी विभाग को शराब बिक्री से मई-2022 में सिर्फ 85 करोड़ रुपए का राजस्व मिला। जनवरी में 143 करोड़ रुपए, फरवरी में 155 करोड़ रुपए, मार्च में 130 करोड़, अप्रैल में 116 करोड़ रुपए टैक्स मिला था। मई का टारगेट 137 करोड़ रुपए था, जिससे आबकारी विभाग कोसों दूर है। इससे साफ है कि लोग बाहरी शराब पी रहे हैं, जिससे गौतमबुद्धनगर को शराब बिक्री का राजस्व नहीं मिल रहा।गाजियाबाद-नोएडा में शराब बिक्री घटने की वजह दिल्ली के ठेकों पर शराब सस्ती होना है।
दिल्ली के ठेकों पर कुछ ब्रांड्स की एक बियर पर एक फ्री मिल रही है। इसी तरह विदेशी मदिरा में कुछ ब्रांड्स की एक हजार रुपए वाली बोतल पर एक फ्री है। तमाम विदेशी ब्रांड्स की बोतलें बेहद सस्ती हैं। ऐसे में गाजियाबाद-नोएडा के लोग दिल्ली जाकर शराब पी रहे हैं या चोरी-छिपे खरीदकर ला रहे हैं। गाजियाबाद-नोएडा में आबकारी विभाग ने एक महीने के अंदर करीब 90 लोग शराब तस्करी में पकड़े हैं, जो पूरे साल में सबसे ज्यादा है।गाजियाबाद के आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह के अनुसार, पांच इंस्पेक्टरों की टीमें शराब की तस्करी रोकने के लिए दिल्ली के बॉर्डरों पर तैनात हैं। टीमें हर रोज धरपकड़ कर रही हैं। लोगों को गिरफ्तार करके उनके वाहन जब्त कर रही हैं। गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर के करीब 10 बॉर्डर दिल्ली से मिलते हैं। इन सभी बॉर्डरों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।