सुबह 4 बजे से पहले नहीं खुलेंगे शराब के ठेके, हरियाणा में नई शराब नीति लागू, गाइडलाइन जारी
हरियाणा सरकार ने 21.5 महीने की नई आबकारी नीति 2025-27 को मंजूरी दी है. नीति के तहत 500 से कम आबादी वाले गांवों में शराब की सब-वेंड बंद होंगी, जिससे 152 शराब ठेके बंद किए जाएंगे. शराब के विज्ञापन पर पूरी तरह रोक लगेगी, उल्लंघन पर ₹1 से ₹3 लाख तक का जुर्माना और चौथी बार पर लाइसेंस रद्द किया जाएगा.

हरियाणा सरकार ने शराब बिक्री से जुड़ी बड़ी नीतिगत घोषणा करते हुए नई आबकारी नीति 2025-27 को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया, जिसमें कई अहम सामाजिक और प्रशासनिक सुधार किए गए हैं. इस नीति का उद्देश्य समाज में जिम्मेदार शराब सेवन को बढ़ावा देना और छोटे गांवों की संवेदनाओं का सम्मान करना है.
नई नीति के तहत अब उन गांवों में कोई भी शराब की सब-वेंड (उप-ठेका) नहीं खोले जाएंगे, जिनकी जनसंख्या 500 या उससे कम है. यह फैसला न सिर्फ सामाजिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि इससे राज्यभर के 152 सब-वेंड्स को बंद कर दिया जाएगा. साथ ही, शराब के विज्ञापन और तवर्न संचालन को लेकर भी सरकार ने कड़े प्रावधान लागू किए हैं.
21.5 महीने की नई नीति
सरकार ने आबकारी नीति को अब वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) से जोड़ दिया है. मौजूदा नीति 12 जून 2025 से लागू होकर 31 मार्च 2027 तक चलेगी यानी यह कुल 21.5 महीनों के लिए प्रभावी रहेगी. इसके बाद से सभी नीतियां अप्रैल से शुरू होंगी.
500 से कम आबादी वाले गांवों में नहीं मिलेगा शराब का उप-ठेका
सरकार के मुताबिक, "ऐसे सभी गांव जहां आबादी 500 या उससे कम है, वहां कोई भी शराब का उप-ठेका नहीं खोला जाएगा." इस फैसले से 152 मौजूदा सब-वेंड्स राज्यभर में बंद हो जाएंगे. इससे छोटे समुदायों की सामाजिक संरचना को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
शराब विज्ञापन पर अब पूरी तरह पाबंदी
नई नीति के अनुसार, शराब के किसी भी प्रकार के विज्ञापन की अनुमति नहीं होगी, चाहे वह लाइसेंस क्षेत्र के भीतर ही क्यों न हो. यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो
पहली बार में ₹1 लाख
दूसरी बार में ₹2 लाख
तीसरी बार में ₹3 लाख का जुर्माना लगेगा.
चौथी बार उल्लंघन पर ज़ोन की लाइसेंसिंग को ही रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
वर्न में लाइव सिंगिंग और डांसिंग पर बैन
L-52 कैटेगरी के तवर्न अब केवल बंद और स्वीकृत परिसर में ही संचालित हो सकेंगे. ये स्थल बाहर से दिखाई नहीं देने चाहिए और इनमें किसी भी प्रकार का लाइव गायन, नृत्य या नाट्य प्रस्तुति पूरी तरह प्रतिबंधित होगी.
शहरी क्षेत्रों में कब खुलेगी शराब की दुकानें
नई नीति के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में शराब की बिक्री सुबह 4 बजे से पहले नहीं की जा सकेगी. पहले यह समय सीमा 8 बजे थी, जिसे अब पहले कर दिया गया है ताकि नियंत्रित वातावरण में बिक्री सुनिश्चित हो सके.
अस्थायी लाइसेंस के लिए नियम सख्त
L-12A और L-12A-C कैटेगरी के तहत अस्थायी लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को तर्कसंगत बनाया गया है. रजिस्टर्ड न होने वाले वाणिज्यिक स्थल जैसे बैंकेट हॉल्स में एक दिन का लाइसेंस लेने पर अब अधिक शुल्क देना होगा, खासकर बड़े शहरों में.
शराब की दुकानों पर चेतावनी बोर्ड अनिवार्य
सभी लाइसेंसधारी रिटेल वेंड्स और सब-वेंड्स को "शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है" और "ड्रिंक एंड ड्राइव न करें" जैसे चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य किया गया है. इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और शराब से जुड़ी दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी.
2026 के लिए 14,064 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2026 के लिए 14,064 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य तय किया है. वहीं, FY25 में आबकारी और कराधान विभाग ने 12,650 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 12,700 करोड़ रुपये का संग्रह किया, जो एक प्रभावशाली प्रदर्शन है.