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एक्सीडेंट के बाद इलाज की टेंशन खत्म, सरकार देगी कैशलेस सुविधा, जानें फायदे

अब देशभर में सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को चिन्हित अस्पतालों में 7 दिनों तक 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा. इस योजना को नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) लागू करेगी और राज्य स्तर पर राज्य सड़क सुरक्षा परिषद इसके संचालन की जिम्मेदारी संभालेगी.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

अब देश में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को इलाज के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार ने एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत सड़क हादसों में घायल होने वाले व्यक्तियों को प्रति हादसा 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य है सड़क दुर्घटनाओं के बाद पीड़ितों को तुरंत और बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना.

मंगलवार को सरकार ने इस देशव्यापी कैशलेस इलाज योजना की घोषणा की. इस स्कीम के तहत दुर्घटना के सात दिनों तक इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी, जिससे हजारों लोगों की जान बचने की उम्मीद है.

सात दिन तक मिलेगा कैशलेस इलाज

सरकारी अधिसूचना के अनुसार, यह सुविधा देशभर के चिन्हित अस्पतालों में मिलेगी, जहां सड़क दुर्घटना के पीड़ितों का सात दिनों तक 1.5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज किया जाएगा. हालांकि, यदि कोई पीड़ित किसी गैर-चिन्हित अस्पताल में पहुंचता है, तो वहां केवल शुरुआती स्थिरीकरण उपचार (stabilisation) की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जैसा कि योजना के दिशा-निर्देशों में बताया गया है.

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी करेगी योजना को लागू

इस महत्त्वपूर्ण योजना को नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) लागू करेगी. इस एजेंसी को पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना होगा ताकि योजना का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हो सके.

हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद को नोडल एजेंसी बनाया गया है, जो इस योजना के संचालन के लिए जिम्मेदार होगी. इसमें अस्पतालों का ऑनबोर्डिंग, पीड़ितों का इलाज, भुगतान प्रक्रिया और अन्य संबंधित कार्य शामिल होंगे, जो एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से संपन्न होंगे.

केंद्र सरकार बनाएगी संचालन समिति

योजना की निगरानी और सफल कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार एक संचालन समिति (Steering Committee) का गठन करेगी. यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि योजना पूरे देश में प्रभावी तरीके से लागू हो और इसका लाभ वास्तविक पीड़ितों को समय पर मिल सके.

मार्च 2024 में शुरू हुआ था पायलट प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च 2024 को इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. अब इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके.

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06 May 2025, 04:03 PM IST

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