स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस के बाद अब संतों- महंतों पर साधा निशाना
रामचरितमानस पर आपत्तिजनक देने के बाद से ही सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या चर्चित है। उन्होंने कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस के कुछ अंश ऐसे है जिन पर हमें आपत्ति है। उन्होंने रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की थी कि
रामचरितमानस पर आपत्तिजनक देने के बाद से ही सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या चर्चित है। उन्होंने कहा था कि तुलसीदास की रामचरितमानस के कुछ अंश ऐसे है जिन पर हमें आपत्ति है। उन्होंने रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की थी कि उसमें समाज के जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है। रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद लखनऊ में FIR दर्ज कराई गई है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास रामचरित के चौपाई के कुछ अंशों की बात की थी जिसमें स्त्रियों, आदिवासियों और पिछड़ी जातियों को नीच का दर्ज़ा दिया गया है। गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकती। मैं जो बोल देता हूं कभी उसका खंडन नहीं करता।
उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी और धर्म का व्यक्ति किसी की गर्दन काटने या जीभ काटने का बयान देता तो यही धर्मगुरु संत-महंत उसे आतंकवादी कह देते हैं, लेकिन आज ये लोग मेरे सिर काटने, जीभ काटने की बात कर रहे हैं तो क्या मैं इन्हें शैतान, जल्लाद, आतंकी न समझूं।
बिहार के शिक्षामंत्री ने दिया था विवादित बयान
स्वामी प्रसाद मौर्य से पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी को नालंदा ओपेन युनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में रामचरितमानस को समाज मे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था। इसके बाद अब समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने विवादित बयान देकर इस मामले को ताजा कर दिया।