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5 अगस्त को नॉर्मल से तेज घूम रही धरती! वैज्ञानिकों ने बताई हैरान कर देने वाली वजह

धरती आज कुछ मिलीसेकेंड तेज़ घूम रही है, जिससे दिन सामान्य से थोड़ा छोटा हो सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार 5 अगस्त 2025 को पृथ्वी की घूर्णन गति में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजहें और इसका क्या असर हो सकता है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Earth Spinning Fast Today: 5 अगस्त 2025 को पृथ्वी सामान्य से कुछ मिलीसेकेंड तेज़ घूम रही है. वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि धरती की घूर्णन गति में मामूली वृद्धि हुई है. इसकी वजह से आज का दिन थोड़ा छोटा हो सकता है. हालांकि यह बदलाव आम इंसान की दिनचर्या पर असर नहीं डालता, लेकिन तकनीकी रूप से इसका बड़ा महत्व है.

इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन एंड रेफरेंस सिस्टम्स सर्विस (IERS) के मुताबिक, आज का दिन लगभग 1.25 से 1.5 मिलीसेकेंड छोटा हो सकता है. यानी 24 घंटे की बजाय आज का दिन लगभग 86,398.5 सेकंड का होगा. यह सूक्ष्म अंतर इंसानी घड़ी में नज़र नहीं आता, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इसका दस्तावेज़ीकरण किया जा रहा है.

क्यों तेज़ हो रही है पृथ्वी की गति?

1. चंद्रमा की स्थिति का प्रभाव

पृथ्वी की गति पर चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बड़ा असर डालता है. जब चंद्रमा पृथ्वी की भूमध्य रेखा से दूर होता है, तब उसका ब्रेकिंग इफेक्ट कम हो जाता है और पृथ्वी थोड़ी तेज़ घूमने लगती है. 5 अगस्त को चंद्रमा की ऐसी ही स्थिति मानी जा रही है, जिससे घूर्णन गति में हल्की बढ़ोतरी देखी जा रही है.

2. जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियरों का पिघलना

वैज्ञानिक मानते हैं कि जब बर्फ पिघलकर समुद्र में मिलती है, तो पृथ्वी के द्रव्यमान का वितरण बदलता है. यह उसी तरह है जैसे एक आइस स्केटर अपने हाथ अंदर खींचकर तेजी से घूमता है. ग्लेशियरों का पिघलना पृथ्वी की आकृति को प्रभावित करता है और घूर्णन गति में मामूली तेजी ला सकता है.

3. भूकंप और भूगर्भीय हलचल

कुछ बड़े भूकंप पृथ्वी के आंतरिक ढांचे को प्रभावित करते हैं. इससे पृथ्वी के कोर में परिवर्तन आता है, जो इसकी घूर्णन गति को थोड़ा बदल सकता है. पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई भूकंप दर्ज किए गए हैं, जिनका प्रभाव इस गति में बदलाव से जोड़ा जा रहा है.

4. पृथ्वी का आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र

पृथ्वी के अंदरूनी हिस्से में चुंबकीय गतिविधियां होती रहती हैं, जो समय-समय पर इसकी गति को प्रभावित कर सकती हैं. वैज्ञानिक इन प्रभावों को लेकर अब भी अध्ययन कर रहे हैं कि किस सीमा तक ये परिवर्तन पृथ्वी की गति को प्रभावित कर सकते हैं.

हाल के वर्षों में कैसे बदली पृथ्वी की गति?

  • 2020 से वैज्ञानिकों ने देखा है कि पृथ्वी की गति में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है.

  • 5 जुलाई 2024 को रिकॉर्ड किया गया था अब तक का सबसे तेज़ दिन, जो 1.66 मिलीसेकेंड छोटा था.

  • 2022 और 2021 में भी दिन क्रमशः 1.59 और 1.47 मिलीसेकेंड कम रिकॉर्ड हुए थे.

  • इससे पहले, 9 जुलाई 2025 को भी एक तेज़ दिन दर्ज हुआ था, जो 1.6 मिलीसेकेंड छोटा था.

  • वैज्ञानिक बताते हैं कि अरबों साल पहले जब चंद्रमा पृथ्वी के ज्यादा करीब था, तब दिन केवल 19 घंटे के होते थे. उस समय पृथ्वी की घूर्णन गति काफी अधिक थी. आज की तुलना में तब पृथ्वी बहुत तेज घूमती थी.

कितना तेज घूम रही है पृथ्वी?

पृथ्वी औसतन अपनी धुरी पर 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती है. 5 अगस्त को यह गति कुछ माइक्रो यूनिट बढ़ सकती है, जैसे कि 1,670.002 किलोमीटर प्रति घंटा. यह अंतर इतना छोटा है कि इसे हम सीधे महसूस नहीं कर सकते, लेकिन एटॉमिक क्लॉक्स जैसी अति सटीक घड़ियों से यह बदलाव मापा जा सकता है.

क्या होगा इसका असर?

इस परिवर्तन का आम जनजीवन पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता, लेकिन यह नेविगेशन सिस्टम्स, उपग्रहों और सटीक समय निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण है. यदि यह बदलाव नियमित होता है, तो भविष्य में लीप सेकंड को कम या बंद करने की जरूरत भी पड़ सकती है.

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05 August 2025, 02:50 PM IST

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