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चीन विवाद पर प्रियंका गांधी ने राहुल का जोरदार समर्थन करते हुए बोलीं- 'सुप्रीम कोर्ट नहीं तय कर सकता सच्चा भारतीय कौन'

राहुल गांधी की भारतीय क्षेत्र पर चीनी कब्जे को लेकर की गई टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल उठाने के बाद कांग्रेस नेताओं ने उनका जोरदार बचाव किया है. पार्टी ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया और कहा कि यह देशहित में उठाया गया सवाल है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Priyanka Gandhi: सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की भारतीय जमीन पर चीनी कब्जे से संबंधित टिप्पणी पर फटकार लगाए जाने के बाद कांग्रेस ने अपने नेता का समर्थन किया है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके भाई की टिप्पणी की गलत व्याख्या की है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि विपक्षी नेता का कर्तव्य है कि वह सरकार से सवाल उठाएं और राहुल गांधी कभी भी सेना के खिलाफ नहीं बोलेंगे.

प्रियंका ने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी सेना का सम्मान करते हैं और यह गलत तरीके से पेश किया गया है. यह बयान सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान आई टिप्पणियों के बाद आया, जब कोर्ट ने राहुल गांधी के 2022 में की गई टिप्पणियों की आलोचना की. राहुल ने दावा किया था कि चीन ने '2000 वर्ग किलोमीटर' भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की थी कि 'अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा कुछ नहीं कहेंगे.'

सुप्रीम कोर्ट का जवाब 

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर कहा था कि अगर वे 'सच्चे भारतीय' होते, तो उन्होंने इस तरह के बयान नहीं दिए होते. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एजी मसीह की बेंच ने यह टिप्पणी करते हुए सवाल उठाया था कि राहुल गांधी को कैसे पता चला कि चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है.

न्यायालय ने यह भी पूछा था कि अगर राहुल गांधी वास्तव में सच्चे भारतीय होते, तो उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया. कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि राहुल गांधी ने गलवान घाटी संघर्ष को लेकर सरकार की आलोचना की थी, जहां उन्होंने आरोप लगाया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई की थी.

राहुल गांधी की इस टिप्पणी ने 2022 में काफी विवाद खड़ा कर दिया था, जब उन्होंने कहा था: 'भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कोई चीन द्वारा 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा करने, 20 भारतीय सैनिकों की हत्या करने या अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई के बारे में सवाल नहीं पूछता. क्या यह सच नहीं है?'

प्रियंका गांधी का बयान 

प्रियंका गांधी ने इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीशों का सम्मान करते हुए यह स्पष्ट करना चाहती हैं कि राहुल गांधी कभी भी भारतीय सेना के खिलाफ नहीं बोलेंगे. प्रियंका ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'यह एक गलत व्याख्या है. मेरे भाई कभी भी सेना के खिलाफ नहीं बोलेंगे, वह उनका बहुत सम्मान करते हैं. यह टिप्पणी गलत तरीके से पेश की गई है.'

प्रियंका ने यह भी कहा कि सरकार से सवाल पूछना विपक्षी नेताओं का कर्तव्य है और ऐसा करने से किसी को देशद्रोही नहीं करार दिया जा सकता. उन्होंने यह भी जोर दिया कि राहुल गांधी का उद्देश्य हमेशा देश की भलाई के लिए है. वे हर वक्त राष्ट्रहित में सवाल उठाते हैं.

केसी वेणुगोपाल का समर्थन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियां हर राष्ट्रवादी भारतीय की सोच को दर्शाती हैं. वेणुगोपाल ने यह सवाल उठाया कि 'सच्चे भारतीय' की परिभाषा कौन देगा? उन्होंने कहा, 'जब हम संसद में सवाल उठाते हैं, तो कोई जवाब नहीं मिलता. जब हम बाहर सवाल उठाते हैं, तो हमें देशद्रोही करार दे दिया जाता है. हम ही सच्चे भारतीय हैं जो भारत के लिए सवाल उठा रहे हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी के सवाल पूरी तरह से वैध थे, क्योंकि वे उस समय सरकार से जवाब मांग रहे थे, जब कोई भी सरकार के खिलाफ सवाल नहीं उठा रहा था.

राहुल गांधी की अपील

राहुल गांधी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई थी. उन्होंने अदालत के सामने अपनी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह देशहित में था. इसके बाद, उन्होंने अदालत के सामने यह अपील की कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य केवल राष्ट्रहित से जुड़ी बातों को सामने लाना था. इस मामले में अब सर्वोच्च न्यायालय ने अपनी सुनवाई पूरी की है, और आगामी दिनों में इस पर आगे की कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है.

राहुल गांधी की चीनी कब्जे से संबंधित टिप्पणी पर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है और इस पर दोनों पक्षों द्वारा तीखी प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं. प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल जैसे कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी का बचाव किया है, जबकि विपक्ष ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में हस्तक्षेप के रूप में पेश किया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सभी को इंतजार है जो स्थिति को स्पष्ट करेगा.

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05 August 2025, 02:33 PM IST

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