Golden Shares: निजी कंपनियों में गोल्डन शेयर के पैंतरों से हिस्सेदारी बढ़ा रहा चीन
गोल्डन शेयर भी एक तरह के शेयर ही हैं, जो धारक को कई विशेषाधिकार देते हैं। इनमें कंपनी के चार्टर को बदलने के लिए वीटो जैसी खास शक्तियां भी शामिल होती हैं।
निजी कंपनियों में प्रभाव को बढ़ाने के लिए चीनी सरकार हिस्सेदारी हासिल कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की व्यापक रणनीति के रूप में यह काम कर रही है। चीन बड़ी कंपनियों को छोटा कर अपने दृष्टिकोण को लागू कर रही है। इस बात का ताजा उदाहरण है कारोबारी जैक मा का हफ्तों के लिए गायब होना है।
सूत्रों के हवाले से बताया कि राज्य समर्थित कंपनियां और नियामक तकनीकी कंपनियों के बोर्ड में प्रतिनिधित्व और हिस्सेदारी हासिल कर रही। चीन के साइबरस्पेस एडमिनिसट्रेशन जैसी सरकारी कंपनियां और नियामक भी निजी कंपनियों में 'गोल्डन शेयर' खरीद रहे हैं। चीनी सरकार खासतौर से उन कंपनियों में दिलचस्पी दिखा रही है, जो बड़े स्तर पर महत्वपूर्ण सूचनाओं और डेटा का काम करते हैं।
जानिए, क्या हैं गोल्डन शेयर?
गोल्डन शेयर भी एक तरह के शेयर ही हैं, जो धारक को कई विशेषाधिकार देते हैं। इनमें कंपनी के चार्टर को बदलने के लिए वीटो जैसी खास शक्तियां भी शामिल होती हैं। इतना ही नहीं धारक दूसरे धारकों को एक निश्चित अनुपात से ज्यादा आम शेयर खरीदने से भी रोक सकते हैं। चीन ने पहली बार साल 2016 में गोल्डन शेयर का इस्तेमाल किया था।
सीसीपी खासतौर पर अमेरिकी लिस्टेड कंपनियों पर नज़र बनाए हुए हैं। जिसमे फुल ट्रक अलायंस, बाइट डांस और शिमालया जैसी कंपनियों का नाम शामिल है। चीनी नियामकों की तरफ से प्रतिबंध से बचने के लिए कई कंपनियां गोल्डन शेयर स्वीकार करती हैं। हाल ही में सीसीपी की तरफ से गोल्डन शेयर के इस्तेमाल में हुई बढ़त का उद्देश्य इंटरनेट कंपनियों के डेटा पर निगरानी करना है।