Pakistan Economy: बर्बाद होने की कगार पर पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, क्या भारत बढ़ाएगा मदद का हाथ?

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय काफी नाजुक दौर से गुजर रही है। भीषण आर्थिक संकट की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बादी की कगार पर खड़ी है। मुल्क की आवाम बढ़ती मंहगाई से परेशान है और सरकार से उन्हें कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। पाकिस्तान में मंहगाई ने नया रिकॉर्ड बनाया है। मुल्क में महंगाई पिछले 48 सालों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। पाकिस्तान की गरीब जनता भूख से बेहाल है। फिलहाल अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष यानी की आईएमएफ से भी देश को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के हालात पर चिंता जाहिर की है। वहीं पाकिस्तान में श्रीलंका के जैसे हालात पैदा होने की बाते की जा रही है।

Lalit Hudda
Lalit Hudda

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय काफी नाजुक दौर से गुजर रही है। भीषण आर्थिक संकट की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बादी की कगार पर खड़ी है। मुल्क की आवाम बढ़ती मंहगाई से परेशान है और सरकार से उन्हें कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। पाकिस्तान में मंहगाई ने नया रिकॉर्ड बनाया है। मुल्क में महंगाई पिछले 48 सालों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। पाकिस्तान की गरीब जनता भूख से बेहाल है। फिलहाल अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष यानी की आईएमएफ से भी देश को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। विशेषज्ञों ने पाकिस्तान के हालात पर चिंता जाहिर की है। वहीं पाकिस्तान में श्रीलंका के जैसे हालात पैदा होने की बाते की जा रही है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान ने कई तरह की मुश्किलों का सामना किया है। इस वजह से पाकिस्तान को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल आई बाढ़ की वजह से पाकिस्तान की करीब एक-तिहाई आबादी डूब गई है। वहीं पाकिस्तानी रुपए का लगतार गिरना, देश में राजनीतिक संकट और कई हिस्सों में प्रदर्शन, आतंकवाद, तालिबान ए-तहरीर पाकिस्तान (टीटीपी) के हमलों में सैकड़ों लोगों की मौत, महंगाई पर जनता की नाराजगी को पाकिस्तानी की इस स्थिति की वजह माना जा रहा है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में करीब 40 लाख बच्चे अभी भी बाढ़ वाले दूषित पानी के नज़दीक रह रहे हैं। जिस कारण उनकी स्वास्थ्य को खतरा है।

क्या भारत बढ़ाएगा मदद का हाथ?

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई से पाकिस्तान के मौजूदा संकट पर बातचीत में कहा कि "पाकिस्तान का भविष्य काफी हद तक पाकिस्तान के फैसलों और उसके विकल्पों के चुनाव पर निर्भर करता है। ऐसी स्थिति और मुश्किल में कोई भी देश अचानक और बिना कारण नहीं पहुंचता है। यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि उन्हें आगे क्या रास्ता निकालना है। उन्होंने कहा कि "आज हमारे रिश्ते ऐसे नहीं कि हम इसमें सीधे तौर पर जुड़ सके। जयशंकर ने आगे कहा कि "अगर हम श्रीलंका से पाकिस्तान की तुलना करें तो मैं कहूँगा कि यह एक बिल्कुल अलग रिश्ता है। श्रीलंका को लेकर हमारे बहुत अच्छे संबंध है।"

प्रधानमंत्री को लेकर बिलावल भुट्टो की टिप्पणी

भारत और पाकिस्तान में आम चुनाव नजदीक है। इसलिए दोनो देशों के बीच किसी राजनीति गतिविधि और बातचीत होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की 2002 के गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी की वजह से दोनों देशों के बीच आपसी बातचीत होने की उम्मीदें खत्म हो गई है। बता दें कि पाकिस्तान में साल 2010 आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी। उस दौरान भारत ने मानवीय तौर पर पाकिस्तान के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की थी। इसके अलावा साल 2001 में गुजरात में आए भूकंप में पाकिस्तान ने भी की पेशकश की थी।

गौरतलब हो कि पिछले साल पाकिस्तान में आई बाढ़ से करीब एक तिहाई आबादी प्रभावित हुई थी। उस समय भी भारत की ओर से कोई मदद की घोषणा नहीं की गई थी। हालांकि बाढ़ से पैदा हुए संकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया था और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया था। एक इंटरव्यू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो सवाल पूछा गया कि बाढ़ से हुई तबाही पर उन्होंने भारत से मदद मांगी है? या उन्हें मदद की पेशकश की गई? इन दोनों सवालों के जवाब बिलावल भुट्टो ने नहीं में दिया।

मीडिया रिपोर्ट में भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों से बताया गया कि अगर पाकिस्तान से मदद की गुहार आती है तो भारत मदद करेंगा। बता दें कि तुर्की में आए भूंकप के बाद भारत तुर्की की मदद के लिए आगे आया। जबकि भारत के विरोध के बावजूद तुर्की वैश्विक मंचों पर कश्मीर मुद्दा उठाता रहता है। क्योंकि तुर्की के साथ पाकिस्तान के द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत है।

अर्थशास्त्री अजीत रानाडे का कहना है कि "अगर हम श्रीलंका, सीरिया और तुर्की को मानवीय आधार पर सहायता दे सकते हैं तो हमें पाकिस्तान के बारे में भी सोचना चाहिए। हम जी-20 के अध्यक्ष हैं। हम वैश्विक शक्ति बनना चाहते हैं और इस तरह की मदद देना उसकी सोच के दर्शाता है।" अजीत रानाडे के मुताबिक, "भारत मानवीय आधार पर पाकिस्तान की मदद की सोच सकता है, क्योंकि पाकिस्तान के हालात खराब होने से वहां से लोगों की भीड़ आने का खतरा भारत को हो सकता है।" उधर, पाकिस्तान के अर्थशास्त्री सलमान शाह का कहना है कि मौजूदा हालात में पाकिस्तानी सरकार भारत से मदद नहीं लेगी। 

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24 February 2023, 02:38 PM IST

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