Budget 2024 : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पेश किया था भारत का पहला बजट, जानिए किसका नाम है शामिल

India First Budget : देश का पहला बजट पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पेश किया था. जिनका नाम लियाकत अली खान था और वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे.

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Liaquat Ali Khan : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को देश का आम बजट पेश करेंगी. इस बजट से आम जनता को काफी उम्मीदें है कि सरकार उनके लिए कौन से बड़े ऐलान करने वाली है. बजट में सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा लिखा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं देश का पहला बजट पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पेश किया था. जिनका नाम लियाकत अली खान था और वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे. आज हम इस बारे में आपको बताएंगे कि आखिर पाकिस्तान के पीएम ने भारत का पहला बजट क्यों पेश किया था.

लियाकत अली ने पेश किया था बजट

स्ट्रक्चर्ड बजट ब्रितानी हुकूमत ने फरवरी 1860 में भारता का पहला बजट पेश किया था. जिसे पेश करने वाले अंग्रेज वित्त विशेषज्ञ जेम्स विल्सन थे. आजादी की घोषणा के बाद देश का पहला बजट लियाकत अली खान ने पेश किया था. वह मोहम्मद अली जिन्ना के बहुत खास माने जाने थे और लियाकत अली खान ने खुद को जिन्ना की सिफारिश पर अंतरिम सरकार में वित्त मंत्रालय मिला था. जो कि देश के बंटवारे से पहले की बात है.

लोगों ने बजट का किया विरोध

लियाकत अली खान ने देश के पहले बजट के बारे में कई बातें कहीं थी. उनका मानना था कि ये सोशलिस्ट बजट है जो आजाद देश में बराबरी की ओर पहला कदम होगा. लेकिन देश के बड़े-बड़े कारोबारी उनके बजट के विरोध में थे. लियाकत ने ये भी कहा था कि वे जान-बूझकर कुछ खास हिंदू व्यापारियों के नुकसान के लिए ऐसा बजट लेकर आए.

हिंदू कारोबारियों का आरोप

बजट में लियाकत ने कारोबारियों के एक लाख मुनाफे पर 25 प्रतिशत टैक्स लगाने की पेशकश की. जिसके कारण बड़ी संख्या में व्यापारियों में नाराजगी देखने को मिली. जिसका मानना था कि लियाकत अली जानते हुए हिंदू-विरोधी पेशकश करे रहे हैं. इन व्यापारियों में घनश्याम दास बिड़ला और जमनालाल बजाज जैसे बड़े नाम भी शामिल थे. इस समय बिजनेस में हिंदू कारोबारियों का ही वर्चस्व था. एक दो बड़े गैर-हिंदू व्यापारियों को छोड़कर सभी हिंदू थे.

लियाकत कब बने पाकिस्तान के पीएम

लियाकत अली का जन्म 1895 में करनाल में हुआ था. उन्होंने ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की. बाद में साल 1923 में वह देश लौटे और राजनीति में प्रवेश कर गए. जिन्ना के बाद वह ऑल इंडिया मुस्मिल लीग के सबसे बड़े नेता माने जाते थे. देश के विभाजन के बाद लियाकत पाकिस्तान चले गए और वहां के पहले प्रधानमंत्री की तरह 14 अगस्त 1947 से 15 अक्टूबर 1951 तक काम किया. 16 अक्टूबर को रावलपिंडी में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.

First Updated : Sunday, 28 January 2024