सीएम केजरीवाल का बच्चों को कट्टर देशभक्त बनाने का सपना हकीकत में बदल रहा हैः सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को मयूर विहार फेज-1 स्थित जानकी देवी सर्वोदय कन्या विद्यालय का दौरा किया। इस दौरान मनीष सिसोदिया ने देशभक्ति की कक्षाओं का निरीक्षण किया तथा विभिन्न एक्टिविटीज में शामिल होकर बच्चों तथा टीचर्स के साथ चर्चा की।

Janbhawana Times
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नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को मयूर विहार फेज-1 स्थित जानकी देवी सर्वोदय कन्या विद्यालय का दौरा किया। इस दौरान मनीष सिसोदिया ने देशभक्ति की कक्षाओं का निरीक्षण किया तथा विभिन्न एक्टिविटीज में शामिल होकर बच्चों तथा टीचर्स के साथ चर्चा की।

इस बीच सिसोदिया ने कहा कि यह बहुत ख़ुशी की बात है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्त्व में हमने जिस परिकल्पना के साथ देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत की थी, वो इन क्लासों में पूरा होना शुरू हो गया है। बच्चे ये समझ रहे है कि देश के लिए बलिदान देना, देश के प्रतीकों का सम्मान करना तो देशभक्ति है लेकिन अपने स्कूल-क्लास को साफ़ रखना, अपने बगल में बैठे बच्चों में भी देश देखना देशभक्ति है।

उन्होंने कहा कि हर सोच में, अपने टीचर्स मे, हमारे आस-पास के वातावरण में देश बसता है। बच्चों में यह सोच विकसित होना और अपने घर में, पड़ोसियों में, हर संसाधन में, अपने हर व्यवहार में देश को देखना यह प्रदर्शित करता है कि यह पाठ्यक्रम सफल रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का विज़न है कि देश का हर एक बच्चा कट्टर देशभक्त बने और मुझे यह देखकर ख़ुशी है कि देशभक्ति पाठ्यक्रम की वजह से हमारे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों में देश के प्रति गर्व करने और कट्टर देशभक्ति की भावना बहुत तेजी से विकसित हो रही है। उन्होंने कहा कि देश के सभी 130 करोड़ लोग पूरी देशभक्ति के साथ लग जाए तो भारत 5 साल के अंदर विश्व का नंबर-1 देश बन सकता है।

बता दें कि देशभक्ति पाठ्यक्रम को दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा नर्सरी से 12वीं के लिए शुरू किया गया। यह खुद में अनोखा पाठ्यक्रम है जो किताबों और परीक्षाओं की सीमा से परे है। यह पूरा पाठ्यक्रम विद्यार्थी की सोच समझ और उनकी मानसिकता के आधार पर डिजाइन किया गया है। जहां वे लोगों से बात करके, अपने दोस्तों से बात करके, स्वयं के अंदर झांककर इस सवाल का जबाव तलाशते है कि देशभक्ति क्या है? देश उनके जीवन में क्या मायने रखता है?

ये पाठ्यक्रम देशभक्ति को चुनिंदा परिभाषाओं तक सीमित नहीं रखता है इसलिए इस पाठ्यक्रम को सीखने के लिए कोई निश्चित सामग्री या नियम नहीं है बल्कि इसमें बच्चें अपने घर, स्कूल की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपने अनुभवों और वास्तविक जीवन की घटनाओं के आधार पर खुद के लिए देशभक्ति का अर्थ जानने का प्रयास करते है।

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14 September 2022, 07:29 PM IST

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