जीबी रोड है दिल्ली की 'हीरामंडी', 10 हजार तवायफें, 50 रुपये तक में होता है देह व्यापार!
GB Road: हीरामंडी जब से रिलीज हुई तभी से देह व्यापार को लेकर लोगों के मन में कई सवाल पैदा हुए हैं. आज आपको दिल्ली की हीरामंडी के बारे में बताएंगे.

GB Road: दिल्ली में जब आप जीबी रोड के बारे में सुनते हैं तो आपके दिमाग में सिर्फ रेड लाइट एरिया ही आता है. आप लोग इसे बस एक गंदा इलाके की नजर से देखते हैं, लेकिन इसके बारे में 5 बातें ऐसी हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं. आज हम आपको उसी के बारे में कुछ खास बाते बताने जा रहे हैं. इसका नाम GB रोड पड़ने के पीछे भी एक खास कहानी है.
GB रोड नाम कैसे पड़ा?
इस इलाके का नाम सुनते ही दिमाग में एक दम से गलत ही विचार आता है. लोगों के हिसाब से ये एक अच्छा इलाका नहीं होता है, लेकिन इसके नाम के पीछे के बी एख कहानी है. पहले इसका नाम GB रोड नहीं था बल्कि स्वामी श्रद्धानंद मार्ग था. इसका नाम बदलकर फिर GB रोड कर दिया गया, हालांकि अभी भी जीबी रोड के सरकार बोर्ड पर भी श्रद्धानंद मार्ग ही नाम है.
किसने बदला नाम?
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में सबसे पहले 5 बड़े कोठे थे. इन सभी कोठों को लेकर ब्रिटिश कमिश्नर गारस्टिन ने एक फैसला लिया. इस फैसले के बाद ही रेड लाइड एरिया में बदल दिया गया. गारस्टिन के नाम पर ही गारस्टिन बास्टियन रोड यानी जीबी रोड हो गया. कहा जा सकता है कि इसका नाम कमिश्नर के नाम पर रका गया है.
'बदनाम' इलाका
जीबी रोड को रेड लाइट एरिया की वजह से बदनाम इलाका नहीं बोला जाता है. इसके बदनाम हने की कई और भी वजह हैं. जीबी रोड पर सिर्फ देह व्यापार ही नहीं होता है, बल्कि यहां की तंग गलियों में लूट, चोरी की वारदातें भी सामने आती हैं. यहां से जो लोग गुजरते हैं अक्सर सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए अपराधों की जानकारी देते नजर आ जाते हैं. जानकारी के मुताबिक, इस हीरामंडी में लगभग 10000 तवायफें रहती हैं.
कम पैसों में होता है देह व्यापार
पुरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हालात ऐसे हैं कि कभी-कभी मासूम लड़कियां 50 रुपये के लिए ग्राहक के साथ जाने को तैयार हो जाती हैं. हालांकि, कुछ लड़कियां अपने कोठे भी बदलती रहती हैं क्योंकि उन्हें उस हिसाब से भुगतान नहीं मिलता है.


