वायु प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई तेज, बिना पीयूसी वाले 2,800 वाहन ईंधन से वंचित
दिल्ली परिवहन विभाग ने ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान की शुरुआत की. अभियान के पहले ही दिन बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र वाले करीब 2,800 वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन देने से रोक दिया गया.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर सख्ती शुरू कर दी है. इसी कड़ी में दिल्ली परिवहन विभाग ने ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान की शुरुआत की. इस अभियान के पहले ही दिन बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) वाले करीब 2,800 वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन देने से रोक दिया गया. विभाग का उद्देश्य उत्सर्जन मानकों का कड़ाई से पालन कराना और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है.
पहले दिन 3,746 चालान काटे गए
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार सुबह 6 बजे से शुक्रवार सुबह 6 बजे तक चलाए गए अभियान के दौरान बड़ी संख्या में ऐसे वाहन पकड़े गए, जिनके पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं था. इस दौरान न केवल ईंधन देने से इनकार किया गया, बल्कि नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई. पहले दिन कुल 3,746 चालान काटे गए. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में निगरानी और भी सख्त की जाएगी, ताकि वाहन प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके.
इस विशेष अभियान को सफल बनाने के लिए दिल्ली परिवहन विभाग और दिल्ली यातायात पुलिस ने मिलकर कुल 210 प्रवर्तन दल तैनात किए. इनमें 126 टीमें ट्रैफिक पुलिस की और 84 टीमें परिवहन विभाग की थीं. ये टीमें प्रमुख चौराहों और पेट्रोल पंपों पर जांच कर रही हैं, ताकि बिना पीयूसी वाले वाहनों को ईंधन न मिल सके.
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या कहा?
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने घोषणा की थी कि अब राजधानी के किसी भी पेट्रोल पंप पर वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा. इस फैसले के बाद लोगों में जागरूकता बढ़ी और पीयूसी प्रमाणपत्र बनवाने वालों की संख्या में तेज उछाल देखने को मिला. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 17 दिसंबर को 31,197 पीयूसी प्रमाणपत्र जारी किए गए, जबकि इसके एक दिन पहले यह संख्या 17,732 थी. यानी महज 24 घंटे में लगभग 76 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
हर साल सर्दियों के मौसम में दिल्ली का वायु प्रदूषण गंभीर रूप ले लेता है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अक्सर 300 से ऊपर ‘खराब’ और कई बार 400 के पार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच जाता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शुक्रवार दोपहर दिल्ली का एक्यूआई 377 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.
इसी बीच, शिक्षा से जुड़ा एक अहम फैसला भी लिया गया है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने घोषणा की कि छात्रों को स्वच्छ हवा उपलब्ध कराने के लिए राजधानी के 10,000 कक्षाओं में एयर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार अल्पकालिक उपायों के बजाय दीर्घकालिक नीतियों और प्रशासनिक सुधारों के जरिए प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है.


