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पंजाब सरकार की शक्ति हेल्पलाइन बनी बच्चों की सुरक्षा की सबसे मजबूत और भरोसेमंद ढाल

पंजाब में शक्ति हेल्पलाइन के जरिए बच्चों को सुरक्षा, जागरूकता और आत्मविश्वास देने की मुहिम तेज हुई है, जहां पुलिस स्कूलों में जाकर सीधे बच्चों को सुरक्षित रहने की सीख दे रही है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

पंजाब सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को अपनी सबसे बड़ी जिम्मेदारी मानते हुए शक्ति हेल्पलाइन को जमीनी स्तर पर सक्रिय किया है। यह पहल सिर्फ शिकायत दर्ज करने तक सीमित नहीं है। पुलिस सीधे स्कूलों में जाकर बच्चों से बातचीत कर रही है। बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में सरल शब्दों में समझाया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि गलत होने पर डरना नहीं है। समय पर बोलना सबसे जरूरी है। इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ रहा है।

स्कूल जागरूकता केंद्र कैसे बने?

अमृतसर के सरकारी प्राइमरी स्कूल कोट खालसा में हुआ जागरूकता कार्यक्रम इसकी मिसाल है। शक्ति हेल्पलाइन की टीम ने बच्चों से दोस्ताना माहौल में बातचीत की। संवेदनशील विषयों को बहुत आसान भाषा में समझाया गया। बच्चों को शारीरिक शोषण की पहचान करना सिखाया गया। साइबर अपराध से बचाव के तरीके बताए गए। 112 और 1098 हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दी गई। बच्चों ने खुलकर सवाल पूछे।

क्या बच्चे अब खुलकर बोल रहे हैं?

इस अभियान का सबसे बड़ा असर यह दिखा कि बच्चे अब अपनी बात कहने लगे हैं। उन्हें समझाया गया कि चुप रहना समाधान नहीं है। गलत स्पर्श या डर की बात घर में बतानी चाहिए। पुलिस ने भरोसा दिलाया कि मदद तुरंत मिलेगी। बच्चों को बताया गया कि वे अकेले नहीं हैं। सवाल पूछने पर उन्हें रोका नहीं गया। यही बदलाव इस पहल की असली ताकत है।

यह अभियान तेजी से क्यों फैल रहा है?

यह कार्यक्रम सिर्फ अमृतसर तक सीमित नहीं है। खन्ना और अन्य जिलों में भी ऐसे शिविर लगाए जा रहे हैं। हजारों बच्चे इस जागरूकता का हिस्सा बन चुके हैं। स्कूल प्रबंधन और शिक्षक पूरा सहयोग कर रहे हैं। माता-पिता भी इसे सकारात्मक कदम मान रहे हैं। पुलिस और शिक्षा विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। इसी कारण अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है।

डिजिटल और नशे के खतरे क्या हैं?

आज बच्चों के लिए इंटरनेट बड़ा खतरा बन चुका है। शक्ति हेल्पलाइन साइबर सुरक्षा पर खास जोर दे रही है। बच्चों को सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा न करने की सीख दी जा रही है। साइबर बुलिंग और ऑनलाइन ठगी के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही नशे के खतरों पर भी खुलकर चर्चा की जा रही है। बच्चों को नशा बेचने वालों की सूचना देने को कहा गया है। लक्ष्य नशामुक्त पंजाब बनाना है।

क्या माता-पिता भी इस मुहिम से जुड़ रहे हैं?

इस अभियान से माता-पिता भी जागरूक हो रहे हैं। कई अभिभावकों ने बताया कि बच्चे अब घर में खुलकर बात करते हैं। पहले जो बातें छुपाई जाती थीं, अब साझा की जा रही हैं। शिक्षकों का कहना है कि बच्चों का व्यवहार ज्यादा आत्मविश्वासी हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पहल की सराहना की है। उनका मानना है कि ऐसी जानकारी आज के समय में जरूरी है। यह प्रयास अनुकरणीय बताया जा रहा है।

आगे सरकार की योजना क्या है?

पंजाब सरकार इस अभियान को लंबे समय तक चलाने की योजना बना रही है। आने वाले महीनों में हर स्कूल तक पहुंचने का लक्ष्य है। अभिभावकों के लिए अलग कार्यशालाएं भी आयोजित होंगी। सरकार चाहती है कि कोई भी बच्चा जानकारी से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री भगवंत मान कई बार कह चुके हैं कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। शक्ति हेल्पलाइन उसी सोच का परिणाम है। यह पहल पंजाब के भविष्य को सुरक्षित बना रही है।

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19 December 2025, 06:21 PM IST

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