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गाजा मिशन पर फंसा पाकिस्तान, ट्रंप का दबाव, इस्लामी गुस्सा और पैसों की सौदेबाज़ी उजागर

गाजा में हमास का राज खत्म करने के लिए पाकिस्तानी सेना भेजने की अटकलों ने नया भूचाल खड़ा कर दिया है, जहां अमेरिका का दबाव, इस्लामी गुस्सा और डॉलर की डील आमने-सामने हैं।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

गाजा पट्टी में हमास के प्रभाव को खत्म करने के लिए पाकिस्तानी सेना को अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल के तहत भेजने की तैयारी पर गंभीर चर्चा चल रही है और यह दावा पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी आदिल राजा ने किया है, जिनके मुताबिक रावलपिंडी स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में इस मुद्दे पर लगातार बैठकें हो रही हैं और सेना के शीर्ष अधिकारी इस विकल्प पर काम कर रहे हैं।

असीम मुनीर पर किसका दबाव है?

पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर इस वक्त दोतरफा दबाव में बताए जा रहे हैं, जहां एक तरफ अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान गाजा में अंतरराष्ट्रीय मिशन का हिस्सा बने और दूसरी तरफ इस्लामी ताकतों के गुस्से का डर है, क्योंकि गाजा में फौज भेजना इजरायल के पक्ष में कदम माना जा सकता है।

अमेरिका और ट्रंप की भूमिका क्या है?

आदिल राजा का दावा है कि हाल के महीनों में असीम मुनीर ने अमेरिका से रिश्ते सुधारे हैं और उनकी मुलाकात डोनाल्ड ट्रंप से भी हुई थी, जिसके बाद वॉशिंगटन की तरफ से दबाव बढ़ा कि पाकिस्तान इजरायल के प्रति नरम रुख अपनाए और गाजा में सुरक्षा बल भेजने को तैयार हो।

पैसे पर क्यों अटकी पूरी डील?

असल अड़चन अब राजनीति से ज्यादा पैसों पर आकर अटक गई है, क्योंकि दावा है कि पाकिस्तान ने गाजा मिशन के लिए प्रति सैनिक करीब दस हजार डॉलर की मांग रखी है और कम से कम आठ हजार डॉलर की गारंटी चाहता है, लेकिन यह रकम अभी तक तय नहीं हो पाई है और इसी कारण अंतिम फैसला टलता जा रहा है।

गाजा में सेना का रोल क्या होगा?

बताया जा रहा है कि अगर पाकिस्तानी सेना गाजा जाती है तो वह International Stabilization Force के तहत आंतरिक सुरक्षा, पुलिस व्यवस्था और हमास को कमजोर करने की जिम्मेदारी संभालेगी, यानी यह लड़ाई से ज्यादा कंट्रोल और स्थिरता का मिशन होगा।

पाकिस्तान सरकार ने क्या कहा है?

इन तमाम अटकलों के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि गाजा के लिए प्रस्तावित मिशन में सैनिक भेजने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है और सरकार इस मुद्दे पर सभी पहलुओं को देखकर ही कोई कदम उठाएगी।

इस फैसले का असर कहां तक जाएगा?

अगर पाकिस्तान गाजा में सेना भेजता है तो इसका असर सिर्फ मध्य पूर्व तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पाकिस्तान की घरेलू राजनीति, इस्लामी संगठनों की प्रतिक्रिया और अमेरिका से रिश्तों की दिशा भी तय करेगा, जिससे यह फैसला सैन्य से ज्यादा राजनीतिक बन जाता है।

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19 December 2025, 06:13 PM IST

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