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दस साल बाद ठाकरे बंधुओं की एकता, बीएमसी चुनाव में मराठी–मुस्लिम रणनीति पर फोकस

लगभग दस वर्षों की राजनीतिक दूरी खत्म होने के संकेत देते हुए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर साथ आने की दिशा में आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

लगभग दस वर्षों की राजनीतिक दूरी खत्म होने के संकेत देते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर साथ आने की दिशा में आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं. दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत से यह संकेत मिल रहे हैं कि आगामी बीएमसी चुनाव में ठाकरे बंधु संयुक्त रणनीति के साथ मैदान में उतर सकते हैं. 

मराठी–मुस्लिम समीकरण

यदि यह गठबंधन औपचारिक रूप लेता है, तो मुंबई की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. सूत्रों के अनुसार, इस संभावित गठजोड़ की रणनीति का आधार ‘MaMu’ यानी मराठी–मुस्लिम समीकरण होगा. योजना के तहत मुंबई की कुल 227 वार्ड सीटों में से करीब 72 मराठी बहुल और 41 मुस्लिम प्रभाव वाले इलाकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. माना जा रहा है कि यही सामाजिक समीकरण हाल के लोकसभा चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) के लिए गोवंडी, मानखुर्द, बायकुला और माहिम जैसे क्षेत्रों में लाभकारी साबित हुआ था.

सीट बंटवारे को लेकर शुरुआती चर्चा में यह प्रस्ताव सामने आया है कि शिवसेना (यूबीटी) लगभग 140 से 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जबकि एमएनएस 60 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. हालांकि, बातचीत कुछ प्रमुख मराठी प्रभाव वाले क्षेत्रों पर आकर अटक गई है. वर्ली, दादर-माहिम, सिवरी और विक्रोली-भांडुप जैसे इलाके दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने हुए हैं. एमएनएस इन क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने पर जोर दे रही है, जबकि ये सीटें फिलहाल उद्धव ठाकरे की पार्टी के विधायकों के प्रभाव क्षेत्र में मानी जाती हैं और लंबे समय से मराठी राजनीति का केंद्र रही हैं.

रणनीति के तहत भूमिकाओं का भी स्पष्ट बंटवारा किया जा रहा है. उद्धव ठाकरे जहां अल्पसंख्यक वर्ग के समर्थन को बनाए रखने पर फोकस कर रहे हैं, वहीं राज ठाकरे मराठी मतदाताओं को सक्रिय और एकजुट करने की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज ठाकरे मुंबई में आक्रामक जनसभाओं और भाषणों के जरिए मराठी अस्मिता और स्थानीय मुद्दों को फिर से प्रमुखता से उठाएंगे.

दोनों नेताओं की एकता को सार्वजनिक रूप से दिखाने के लिए मुंबई में तीन संयुक्त रैलियों की योजना भी बनाई जा रही है. इन रैलियों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश होगी कि बीएमसी चुनाव में मुख्य मुकाबला ठाकरे बंधुओं के संयुक्त मोर्चे और महायुति के बीच है.

गठबंधन की औपचारिक घोषणा

सूत्रों के मुताबिक, उद्धव और राज ठाकरे अगले 48 घंटों के भीतर आमने-सामने बैठक कर लंबित मुद्दों को सुलझाने की कोशिश करेंगे. इस बैठक के बाद गठबंधन की औपचारिक घोषणा और बीएमसी चुनाव के लिए साझा रणनीति सामने आने की संभावना जताई जा रही है.

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19 December 2025, 04:19 PM IST

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