क्या गलत तरीके से हुई सूरत में BJP उम्मीदवार की जीत? कांग्रेस ने समझाई क्रोनोलॉजी
Lok Sabha Election: सूरत में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी उम्मीदवार की निर्विरोध जीत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गंधीं ने सवाल खड़े कर भाजपा पर निशाना साधा है.
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है. इस बीच आम चुनाव से पहले आज( 22 अप्रैल) गुजरात की सूरत सीट से कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध चुने गए हैं. ऐसे में बीजेपी उम्मीदवार की इस जीत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गंधीं ने सवाल खड़े किये हैं.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''तानाशाह की असली 'सूरत’ एक बार फिर देश के सामने है. जनता से अपने नेता को चुनने का अधिकार छीन लेना बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को खत्म करने की तरफ बढ़ाया एक और कदम है. मैं एक बार फिर कह रहा हूं- यह सिर्फ सरकार बनाने का चुनाव नहीं है, यह देश को बचाने का चुनाव है, संविधान की रक्षा का चुनाव है.''
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी साधा निशाना
इस दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए सूरत में मिली जीत को एक क्रोनोलॉजी के जरिए समझाया, उन्होंने ने एक्स पर लिखा, "सूरत जिला चुनाव अधिकारी ने सूरत लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया है. वजह "तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में कमी” बताई गई है. कुछ इसी तरह का कारण बताकर अधिकारियों ने सूरत से कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार सुरेश पडसाला के नामांकन को ख़ारिज कर दिया. कांग्रेस पार्टी बिना उम्मीदवार के रह गई है.
रमेश ने समझाई BJP उम्मीदवार की जीत की क्रोनोलॉजी
जय राम रमेश ने आगे बताया कि बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल को छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. 7 मई 2024 को मतदान से लगभग दो सप्ताह पहले ही 22 अप्रैल, 2024 को सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार को निर्विरोध जिता दिया गया.
लोकतंत्र ख़तरे में है। आप क्रोनोलॉजी समझिए।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 22, 2024
* सूरत जिला चुनाव अधिकारी ने सूरत लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द कर दिया है। कारण "तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर के सत्यापन में खामी” बताया गया है।
* कुछ इसी तरह का कारण बताकर अधिकारियों ने सूरत से… https://t.co/uEnLeCGOG7
प्रधानमंत्री मोदी के अन्याय काल में MSME मालिकों और व्यवसायियों की परेशानियों एवं गुस्से को देखते हुए भाजपा इतनी बुरी तरह से डर गई है कि वह सूरत लोकसभा के "मैच को फ़िक्स" करने का प्रयास कर रही है. इस सीट को वे लोग 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद से लगातार जीतते आ रहे हैं. हमारा चुनाव, लोकतंत्र, बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान - सब कुछ भयंकर ख़तरे में हैं. मैं दोहरा रहा हूं - यह हमारे जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है.