असम: धूमधाम से मनाया गया लोक आस्था का महा पर्व छट पूजा

सूर्य उपासना से जुड़ा चार दिवसीय छठ पूजा का आज तीसरा दिन है। शाम को बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत देश-विदेश के कई शहरों के साथ असम में भी डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया। अगले दिन यानी सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा व्रत पूरा होगा।

Janbhawana Times
Janbhawana Times

रिपोर्ट- प्रमोद मल्ल (असम)

असम : सूर्य उपासना से जुड़ा चार दिवसीय छठ पूजा का आज तीसरा दिन है। शाम को बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत देश-विदेश के कई शहरों के साथ असम में भी डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया। अगले दिन यानी सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा व्रत पूरा होगा। असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा शर्मा केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी छठ पूजा के अवसर पर असम वासियो को शुभकामनाएं दीं।

पूरे असम में भी छठ पूजा के घाटों पर भक्तो का भीड़ देखने को मिल रहा है। असम के तिन्सुकीआ में भी सभी छठ घाटों पर भक्तो का भारी भीड़ देखने को मिल रहा है। 28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हुई थी। दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर को खरना था। यह महापर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है, लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार पूरे देश और दुनिया में होने लगा है। मुख्य रूप से कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की छठी और सप्तमी तिथि सबसे पावन मानी जाती है।

इस दिन को सूर्य भगवान की तिथि माना जाता है। छठी और सप्तमी तिथि को सूर्य उपासना का विधान है। कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रती महिलाएं उपवास रहती हैं और शाम में किसी नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं। विशेषकर शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य की उपासना करना पवित्र माना जाता है। इसी कारण सप्तमी के दिन उदीयमान सूर्य यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है।

calender
30 October 2022, 08:39 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो