ढह गयी भ्रष्टाचार की इमारत

ढह गयी भ्रष्टाचार की इमारत

Janbhawana Times
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नोएडा के लिए आज रविवार का दिन यादगार बन गया। नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर गिरा दिया गया। अवैध रूप से निर्मित इस ढांचे को ध्वस्त करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई। बीते एक सप्ताह से खबरों की चर्चाओं में रही नोएडा में अवैध रूप से बनी की इमारत को विस्फोटक लगाकर ध्वस्त कर दिया गया। पूरे देश ने देखा कि किस तरह इस इमारत को गिराया गया। बात सिर्फ यही नहीं कि इमारत गिरा दी गई, बल्कि सोचने की बात है कि इमारत को बनाने में और गिराने में क्या खर्चा हुआ। 

आखिर इस तरह के अवैध निर्माण क्यों पनपते हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार से पूर्व दो सरकारें और रही हैं, क्या किसी का ध्यान इस इमारत पर नहीं गया। यह सत्य है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की मनमानी से बॉयर्स त्रस्त हैं। इसके लिए कहीं न कहीं प्राधिकरणों का लचीला रवैया भी जिम्मेदार है। लगभग 103 मीटर ऊंचे टावर को विस्फोट कर चंद सेकेंडों में धराशायी कर दिया गया। दिल्ली की प्रतिष्ठित कुतुब मीनार (73 मीटर) से ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया। ध्वस्त किये गये ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त किये गये सबसे ऊंचे ढांचे थे।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे। मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग को 28 अगस्त को लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर को सुरक्षित रूप से गिराने का कार्य सौंपा गया था। कंपनी ने इस जोखिम भरे काम के लिए दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स के साथ एक करार किया था। शीर्ष न्यायालय द्वारा केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) को परियोजना के लिए तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था। एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमॉलिशन्स ने इससे पहले 2020 में कोच्चि (केरल) स्थित मराडू कॉम्प्लेक्स को ढहाया था, जिसमें 18 से 20 मंजिलों वाले चार आवासीय भवन थे। हालांकि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई है। मगर यह तथ्यपरक है कि यूपी की योगी सरकार के कार्यकाल में यह कार्रवाई की गई। जैसा कि आये दिन यूपी में अवैध निर्माणों को गिराया जा रहा है। यहा तक कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोगों ने बुल्डोजर बाबा की संज्ञा दे दी है। ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा के मानकों का कड़ाई से अनुपालन किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि टॉवर ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया में आसपास के आवासीय परिसर में निवासरत लोगों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाये, साथ ही पर्यावरणीय मानकों का भी ध्यान रखा जाये। ध्वस्तीरण के लिए पहले से तैयारी कर ली गयी थी। एमराल्ड कोर्ट के 660 भवन और एटीएस विलेज के 762 भवनों को 28 अगस्त को सुबह ही खाली करा लिया गया। अनुमान है कि ध्वस्तीकरण के कारण करीब 80 हजार टन मलबा पैदा होगा। इस मलबे को तय टाइमलाइन के अनुसार अगले तीन माह में निस्तारित कर दिया जायेगा। आसपास के लोगों को वाहन पार्किंग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था दी गयी। इस दौरान लोगों की निगाहें इस पूरी प्रक्रिया पर टिकी रहीं। अवैध रूप से निर्मित इमारत को तो गिरा दिया गया, मगर लोगों का हित ध्यान में रखते हुए सरकार को सोचना होगा कि आगे इस तरह का अवैध निर्माण करने वालों पर लगाम लगे।

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28 August 2022, 11:50 PM IST

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