प्रदूषण संकट से बचने के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र
नई दिल्ली। सर्दियों में होने वाले प्रदूषण से कैसे निपटा जाए इसके लिए दिल्ली सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है। इस संबंध में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर की आशंका के मद्देनजर इस मामले पर चर्चा करने के लिए ये चिट्ठी लिखी गई।
नई दिल्ली। सर्दियों में होने वाले प्रदूषण से कैसे निपटा जाए इसके लिए दिल्ली सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है। इस संबंध में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर की आशंका के मद्देनजर इस मामले पर चर्चा करने के लिए ये चिट्ठी लिखी गई।
इस चिट्ठी में मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय मंत्री से मिलने का समय मांगा है। गोपाल राय ने कहा है कि प्रदूषण के खतरे से निपटने की कार्य योजना और दिल्ली सरकार के विंटर एक्शन प्लान पर चर्चा के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव हमें समय दें। इससे पहले दिल्ली सरकार ने राजधानी में पटाखों पर बैन लगा दिया है। यह बैन एक जनवरी 2023 तक जारी रहेगा। राज्य के मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी थी।
दिल्ली में दिवाली के दौरान पटाखों के कारण प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। पिछले साल भी सरकार ने पटाखों पर बैन लगाया था। इस बार भी इसे बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके अलावा पराली से होने वाले प्रदूषण से बचने के लिए केजरीवाल सरकार ने पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डी-कंपोजर का मुफ्त छिड़काव करने की तैयारी शुरू कर दी है।
विकास मंत्री गोपाल राय ने मुफ्त में बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर विकास विभाग, राजस्व विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के उच्च अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की है। गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के अंदर बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार मुफ्त बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करवाएगी।
बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर कृषि विभाग ने किसानों से जल्द फॉर्म भरवाने के निर्देश जारी कर दिए गए है। इस फार्म में किसान का डिटेल, कितने एकड़ खेत में छिड़काव करवाना चाहते हैं और फसल कटने का समय, यह रिकॉर्ड शामिल रहेंगे। किसान छिड़काव की तारीख भी फार्म में दर्ज करेंगे ताकि उसी हिसाब से उनके खेत में छिड़काव का इंतजाम किया जा सकें।