भारत सरकार ने ड्रग्स के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति: अमित शाह

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज चंडीगढ़ में ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि ड्रग्स की तस्करी और प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक होता है। ड्रग्स तस्करी के बाद जब उसका प्रसार समाज में होता है तो वो पीढ़ियों को दीमक की तरह देश और समाज की जड़ों को खोखला करने का काम करता है।

Janbhawana Times
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नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज चंडीगढ़ में ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि ड्रग्स की तस्करी और प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक होता है। ड्रग्स तस्करी के बाद जब उसका प्रसार समाज में होता है तो वो पीढ़ियों को दीमक की तरह देश और समाज की जड़ों को खोखला करने का काम करता है। कोई भी स्वस्थ और सुरक्षित राष्ट्र ड्रग्स तस्करी के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए बिना अपने उद्देश्य सिद्ध नहीं कर सकता है।

 

शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में जब मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तब से भारत सरकार ने ड्रग्स के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया। शाह ने कहा कि भारत सरकार का गृह मंत्रालय सामाजिक कल्याण मंत्रालय रेवेन्यू विभाग स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस लड़ाई को बहुत अच्छे डिज़ाइन के साथ एनसीबी के माध्यम से लड़ना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि देश के दो क्षेत्र ऐसे हैं - नॉर्थ-ईस्ट और उत्तरी भाग – जहां की सरहदों से ड्रग्स आता है। लेकिन हम आंखें मूंद कर नहीं बैठ सकते क्योंकि हर समस्या का समाधान होता है और उसे खोजने की ज़रूरत होती है।

 

गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय ने संस्थागत संरचना की मज़बूती के लिए त्रिस्तरीय फ़ार्मूला पर काम शुरू किया है। पहला सभी नार्को एजेंसियों का सशक्तिकरण और समन्वय ताकि उन्हें दुनिया भर की बेहतर अभ्यास अच्छे से अच्छे उपकरण और सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें। दूसरा विस्तृत जागरूकता अभियान और तीसरा नशामुक्ति। नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई को इन तीन मोर्चों में विभाजित किया है और इन तीनों क्षेत्रों में बहुत तीव्र गति से काम हो रहा है। उन्होने कहा कि अगर हम युवाओं को नशे की लत से मुक्त कराने और नए युवाओं को इससे दूर रखने के लिए जागरूकता अभियान को तेज नहीं करेंगे और मादक पदार्थों को नहीं रोकेंगे तो विफल हो जाएँगे।

 

शाह ने कहा कि राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन बनाने की आवश्यकता को देखते हुए एनसीबी ने मानस हेल्पलाइन का प्रयास शुरु किया है और आशा है कि कुछ ही दिनों में इसे जनता के सामने रख दिया जाएगा। उन्होने कहा कि यह बताते हुए बहुत खुशी है कि 21 राज्यों ने एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन भी किया है सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों मुख्य सचिवों और डीजीपी से अनुरोध करते हुए कहा कि जो राज्य बाकी रह गए हैं वे जल्दी से इसका गठन करें और जहां गठन हुआ है वे इसे निचले स्तर तक ले जाने के लिए काम करें।

 

ड्रग्स की बड़ी जब्ती के मामले में उन्होने राज्यों से अनुरोध किया कि इसको केंद्र- राज्य का मामला हम न बनाएं जहां पर भी आपको लगता है कि यह मामला राज्य की सीमा के बाहर जाता है आप एनसीबी और एनआईए का सहयोग करें। इस अवसर पर एन्कोर्ड (NCORD) पोर्टल का भी शुभारंभ करते हुए कहा कि इस पोर्टल से देश भर की सभी एजेंसियाँ न केवल सूचना ले पाएँगी बल्कि यह एन्कोर्ड की बेस्ट प्रैक्टिसेज का एक्सचेंज होगा। इसके उपयोग से आने वाले समय पूरे देश में एक ही तरीक़े से नारकोटिक्स के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।

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30 July 2022, 08:26 PM IST

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