संभावनाओं का भारत

भारत आज विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। क्षेत्र कोई भी हो भारत आज किसी भी देश से पीछे नहीं है। इसका जीता-जागता उदाहरण गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022 को गुजरात में आयोजित यूएनएसजी मिशन ‘लाइफ’ रहा है।

Janbhawana Times
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भारत आज विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। क्षेत्र कोई भी हो भारत आज किसी भी देश से पीछे नहीं है। इसका जीता-जागता उदाहरण गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022 को गुजरात में आयोजित यूएनएसजी मिशन ‘लाइफ’ रहा है। जिसमें न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बल्िक फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने भी विभिन्न क्षेत्रों में भारत के प्रयासों को सराहा है।

हालिया मामले में शुक्रवार, 21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड में भगवान केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन किए और वहां आमजन से रू-ब-रू हुए। इतना ही नहीं बल्िक पीएम चीन की सीमा से सटे देश के अंतिम गांव माणा तक पहुंच गए। इतना ही नहीं एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज बाबा केदार और बद्री विशाल जी के दर्शन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर मेरा जीवन धन्य हो गया और मन प्रसन्न हो गया। ये पल मेरे लिए चिरंजीवी हो गए। इस दौरान उन्होंने माणा गांव से जुड़ी एक कहानी भी सुनाई। बाबा के सान्निध्य में उनके आदेश से उनकी कृपा से पिछली बार जब आया था तो कुछ शब्द निकले थे। वो मेरे नहीं थे। कैसे आए, क्यों आए, किसने दिए पता नहीं। यूं ही मुंह से निकल गया था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। पक्का विश्वास है कि इन शब्दों पर बाबा, बद्री विशाल और मां गंगा के आशीर्वाद की शक्ति बनी रहेगी। प्रधानमंत्री चीनी बॉर्डर से सटे देश के अंतिम गांव माणा पहुंचे, जहां उन्होंने वहां के लोगों से वार्ता की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांत गांव माणा में कनेक्टिविटी परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा को संबोधित किया। बदरीनाथ में उनका रात्रि प्रवास होगा। पीएम मोदी ने माणा गांव में सड़क और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने आगमन प्लाजा और झीलों के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री की जनसभा माणा गांव में आर्मी कैंपस के पास आयोजित की गई। जनसभा में भारी संख्या में लोग जुटे। मुख्य रूप से देश के अंतिम गांव माणा के भोटिया जनजाति के ग्रामीण और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। इस प्रकार के आयोजन देश की अखंडता और एकता की जिंदा मिसाल हें। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर उत्तराखंड के आमजन में एक अलग ही उत्साह देखने को मिला। विभिन्न परियोजनाओं की सौगात वहां के लोगों के लिए दीपों के महापर्व दीपावली पर एक अद्भुत उपहार के तुल्य है, प्रधानमंत्री ने उन्हें दीपावली से ठीक पहले दिया है। संभावना और परिकल्पनाओं का कोई छोर नहीं है। कोई भी असंभव कार्य अगर संभव हो जाए तो इसे आश्चर्य ही कहा जाता है।

भारत में अनेकानेक संभावनाएं हैं, जिनका पूर्ण होना निश्चित है। राज्य और केंद्र सरकारें इन संभावनाओं को पूर्ण करने में अपना दायित्व निभा रही हैं। आज के ही कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जय बदरी विशाल और बाबा केदार के जयकारे के साथ की। उन्होंने नाम न लेते हुए विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। कहा कि हमारे देश को गुलामी की जंजीरों ने ऐसा जकड़ रखा है कि कुछ लोग विकास के कार्यों पर सवाल उठाते हैं। पहले देश में अपनी ही संस्कृति को लेकर हीन भावना थी। लेकिन अब केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, काशी उज्जैन अयोध्या जैसे श्रद्धा के केंद्र अपनी भव्यता को दर्शा रहे हैं। देश में अब गुलामी की मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने सीमांत के लोगों की सामर्थ्य को उन्हीं के खिलाफ इस्तेमाल किया है। लेकिन आज सीमांत के लोग संतोष में हैं। जब अपना कोई नेता दूसरे देश की सीमा से सटे क्षेत्र में इस प्रकार के आयोजन में अपनी बात रखता है, तो क्षेत्रवासियों के हौसले बुलंद होते हैं।

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21 October 2022, 09:40 PM IST

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