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भ्रष्टाचार कदापि नहीं!
चुनाव के वक्त लगभग सभी राजनीतिक दल अपनी पार्टी की शुचिता को लेकर काफी संवेदनशील हो जाते हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से सत्ताधारी दल और विपक्षी दलों के बीच में भ्रष्टाचार को लेकर एक नई बहस छिड़ी हुई है। सभी पार्टियां अपने आप को पाक और साफ मानते हुए यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं कि उनके दल में किसी भी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार है। हालांकि यह सैद्धांतिक बातें हैं। कोई दल सत्ता में रहता है तो उसके ऊपर कामकाज के दौरान तमाम प्रकार के सवाल उठते ही रहते हैं । इन सवालों के बीच में कदाचार और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे भी राजनीतक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का आधार बनते हैं।

