PM मोदी की आधिकारिक वेबसाइट पर माइक्रोसाइट ‘मां' की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक वेबसाइट पर एक माइक्रोसाइट ‘मां' शुरू की गई है जिसमें उनकी माता की स्मृतियों को संजोया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबा का 30 दिसंबर, 2022 को निधन हो गया था।

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक वेबसाइट पर एक माइक्रोसाइट ‘मां' शुरू की गई है जिसमें उनकी माता की स्मृतियों को संजोया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबा का 30 दिसंबर, 2022 को निधन हो गया था। माइक्रोसाइट ‘मां' हीराबा को समर्पित है और इसमें मातृत्व के भाव को सम्मान देने के साथ हीराबा की स्मृतियों को संजोया गया है। इस माइक्रोसाइट में एक मां और उसके पुत्र के बीच के प्रेम और अटूट बंधन को दर्शाया गया है। इसमें हीराबा के कुछ वीडियो और चुनिंदा कथन भी हैं। साइट पर प्रधानमंत्री मोदी का एक विशेष ब्लॉग है जो उन्होंने अपनी मां के जीवन के 100वें वर्ष में प्रवेश करने पर उनके लिए लिखा था। ब्लॉग का ऑडियो संस्करण हिंदी भाषा में है। इस माइक्रोसाइट पर मोदी के जीवन और यात्रा को चार हिस्सों में समेटा गया है। इनमें सार्वजनिक जीवन, राष्ट्र की स्मृतियां, वैश्विक संवेदना और मातृत्व का उत्सव हैं। इसमें ‘वैश्विक संवेदना' (वर्ल्ड कंडोल्स) वाले खंड में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा तथा कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो समेत प्रमुख वैश्विक नेताओं के ट्वीट हैं जिनमें हीराबा के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गई। ‘मातृत्व का उत्सव' (सेलिब्रिटिंग मदरहुड) नामक विशेष पेज में माताओं को देने के लिए विशेष ई-कार्ड बनाने का प्रावधान है। इन कार्ड पर प्रधानमंत्री मोदी के हस्ताक्षर होंगे। लोग अपने हिसाब से संदेश चुनकर इसे तैयार कर सकते हैं। यह माइक्रोसाइट प्रधानमंत्री की आधिकारिक वेबसाइट के साथ उनके निजी ऐप ‘नरेंद्र मोदी ऐप' पर भी है। माइक्रोसाइट किसी वेबसाइट पर विषय विशेष आधारित वेबपेज या एक खंड होता है। इसकी शुरुआत में एक वीडियो है, जिसमें अपनी मां के लिए पीएम मोदी के दिल की बातों को खूबसूरत तरीके से पेश किया गया है। इस वीडियो में कहानी के तौर पर पीएम मोदी के बचपन से लेकर उनकी मां के निधन तक का वक्त दिखाया गया है।

वीडियो के आखिर में पीएम मोदी के शब्दों को आवाज दी गई है। इसमें कहा गया, ‘पूज्य मां, आज आप नहीं रहे, फिर भी आपके दिए संस्कार मेरे मनो-मस्तिष्क पर आपके दो हाथों की तरह फैले हैं, जो मुझे शक्ति, शिक्षा देते हैं। नमन करना, माथे पर तिलक लगाना, मिठाई खिलाना, हाथ थामना, दीया जलाना, चरण स्पर्श करके मेरी अंगुलियों के छोर से आपकी ऊर्जा का मेरी नस-नस तक पहुंचना, ये चंद स्मृतियां मेरे और आपके बीच का अब नया पुल हैं मां। तुमसे मिलने का ये नया सेतु है मां, अब इसी पर टहला करूंगा। जब कभी जीवन में संघर्ष या हर्ष मिले, आगे कहीं भी रहूंगा, आपकी कमी हमेशा रहेगी।’

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11 March 2023, 08:45 PM IST

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