बिहार में 6 महीने में 1400 हत्याएं चिंताजनक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार दौरे पर आ रहे हैं। पूर्णिया में महागठबंधन की भी आज रैली है। यूं कहे कि राजनीतिक हलचल के दृष्टिकोण से शनिवार को बिहार में गहमागहमी रहने का अनुमान है।

Janbhawana Times
Janbhawana Times

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार दौरे पर आ रहे हैं। पूर्णिया में महागठबंधन की भी आज रैली है। यूं कहे कि राजनीतिक हलचल के दृष्टिकोण से शनिवार को बिहार में गहमागहमी रहने का अनुमान है। इसको लेकर बीजेपी और महागठंधन की ओर से जबरदस्त तैयारियां की गई है। माना जा रहा है कि शाह अपने बिहार दौरे के क्रम में वाल्मीकि नगर में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे तो पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में किसानों को साधने की कोशिश करेंगे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ जाने के बाद भाजपा के रणनीतिकारों की नजर बिहार पर है। बिहार की राजनीति में अब बीजेपी ने नया दांव चला है। इसके लिए किसानों को साधने की तैयारी है। बीजेपी के सवर्ण नेताओं ने बकायदा इसके लिए मोर्चा भी संभाल लिया है। शाह और भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा पहले भी बिहार का दौरा कर चुके हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया के सांसद डॉ संजय जायसवाल ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह 25 फरवरी को सुबह 11 बजे दिन में वे लौरिया के साहूजन मैदान में लोगों को संबोधित करेंगे। उसके बाद वे नंदनगढ़ जाएंगे। नंदन गढ़ में वे उस बौद्ध स्तूप का दर्शन करेंगे। जहां से राजकुमार सिद्धार्थ यानी महात्मा बुद्ध, अपने राजसी वस्त्रों को त्यागकर ज्ञान की खोज में निकले थे। वहीं, भाजपा के सवर्ण नेता सांसद विवेक ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के साथ ही सम्राट चौधरी सहित अन्य नेता भी जिलों में घूम-घूम कर आयोजन में हिस्सा लेने के लिए लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह है तो छोटे दलों की भाजपा के बढ़ती नजदीकियों से भी भाजपा संतुष्ट है। यही नहीं, उपेंद्र कुशवाहा की नई पार्टी बनने के बाद बीजेपी ने अब छोटे दलों पर भी फोकस कर लिया है। हालांकि भाजपा भी मानती है कि कई छोटे दलों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। ऐसे में भाजपा की तैयारी सभी सीटों पर है। भाजपा की नजर उन सीटों पर है जिन सीटों पर जदयू का कब्जा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू और भाजपा साथ में मिलकर चुनाव लड़ी थी। कुछ दिन पहले ही दरभंगा में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार अब कभी भाजपा के साथ नहीं आ सकते। इस बीच शाह के दौरे से पहले नित्यानंद राय ने सूबे के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को चैलेंज कर दिया।

 उन्होंने नीतीश-तेजस्वी को विधानसभा भंग करने और मध्यावधि चुनाव कराने की चुनौती दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर उनमें दम है तो मध्यावधि चुनाव कराएं ...आप पाएंगे कि बिहार की जनता आपके साथ नहीं है। नित्यानंद राय ने बिहार की कानून व्यवस्था पर भी जमकर सवाल खड़े किए। उन्होंने हाल के दिनों में बढ़ी आपराधिक घटनाओं का जिक्र करते हुए नीतीश सरकार पर अटैक किए। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने दावा किया कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद से अब तक 1400 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं। बिहार में हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म रोजाना हो रहे हैं। कानून-व्यवस्था अब पटरी से उतर गई है और नीतीश कुमार सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि अपराधी कानून से नहीं डरते। वे निडर हो गए हैं। बिहार में जंगलराज जैसे हालत हैं। जेडीयू-आरजेडी के बीच लड़ाई में बिहार को काफी नुकसान हो रहा है। खास तौर से नई पीढ़ी का भविष्य दांव पर है। इससे पहले भी नित्यानंद राय ने नीतीश सरकार पर अटैक किया था। उन्होंने 22 फरवरी को कहा था कि बिहार में महागठबंधन के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। 2024 में हम राज्य की सभी 40 की 40 सीट जीतेंगे। नित्यानंद राय ने आगे कहा कि कांग्रेस हताश निराश हो गई है। वह अलबेला गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरीबों का मसीहा बताते हुए कहा कि कांग्रेस लगातार अनाप शनाप बोल रही है जो बहुत ही निंदनीय है। वहीं, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार लगातार विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं लेकिन उनकी ये कोशिश बिहार में टूटती दिख रही। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्णिया में महागठबंधन की 25 फरवरी को रैली है। हालांकि, इस रैली से पहले एक पोस्टर ने नई चर्चा छेड़ दी है। यह कहने में अतिश्योक्ति नहीं कि महागठबंधन की रैली शुरू होने से पहले ही विवाद की भेंट चढ़ती दिख रही।

 दरअसल, हुआ ये कि सात दलों के आह्वान पर आयोजित रैली को लेकर पोस्टर जारी किया गया है। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी को बड़ी ही महीन राजनीति के तहत पोस्टर से ही गायब कर दिया गया है। यह दीगर है कि इस पोस्टर में दूसरे दलों के सर्वमान्य नेताओं को जगह दी गई है। इससे स्पष्ट होता कि महागठबंधन अंतर्द्वंद्व से पूरी तरह से घिरा हुआ है। महागठबंधन के भीतर पहले से ही एक दूसरे के प्रति अविश्वास का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपदस्थ करने को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम को कांग्रेस का साथ नहीं मिला। कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार मानती है। जाहिर है, ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर किसी तीसरे मोर्चे जिसमें कांग्रेस न हो की कवायद हो सकती है। इस तरह की भी चर्चा चल रही है। लेकिन जिस तरह से बिहार में जंगलराज रिटर्न हो गया वह प्रदेश और देश के लोगों के साथ साथ सरकार के लिए भी चिंता का सबब है और इस दिशा में केंद्र सरकार को कोई ठोस पहल करनी होगी।

calender
25 February 2023, 02:36 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो