दिल्ली में आयोजित संविधान दिवस समारोह में PM मोदी का संबोधन
दिल्ली में आयोजित संविधान दिवस समारोह में PM मोदी का संबोधन
दिल्ली में आयोजित संविधान दिवस समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधि किया। इस दौरान उन्होंने कहा, आज़ादी के लिए जीने-मरने वाले लोगों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों के प्रकाश में और हज़ारों साल की भारत की महान परंपरा को संजोए हुए, हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें संविधान दिया।
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उन्होंने कहा, वो करोड़ों लोग जिनके घरों में शौचालय तक नहीं था, बिजली के अभाव में अंधेरे में अपनी ज़िंदगी बिता रहे थे उनकी तकलीफ समझकर उनका जीवन आसान बनाने के लिए खुद को खपा देना मैं संविधान का असली सम्मान मानता हूं। आज गरीब से गरीब को भी क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर तक वही पहुंच मिल रही है, जो कभी साधन संपन्न लोगों तक सीमित थी।आज लद्दाख, अंडमान और नॉर्थ ईस्ट के विकास पर देश का उतना ही फोकस है, जितना दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों पर है।
आगे मोदी ने कहा, जो देश लगभग भारत के साथ आज़ाद हुए वो आज हमसे काफी आगे हैं, मतलब अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हमारे संविधान में समावेश पर कितना जोर दिया गया है लेकिन आज़ादी के इतने दशकों बाद भी बड़ी संख्या में देश के लोग बहिष्करण(एक्सक्लूजन) को भोगने के लिए मजबूर रहे हैं।
पीएम ने कहा, सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास, ये संविधान की भावना का सबसे सशक्त प्रकटीकरण है। संविधान के लिए समर्पित सरकार, विकास में भेद नहीं करती और ये हमने करके दिखाया है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि हमारे देश में भी ऐसी ही मानसिकता के चलते अपने ही देश के विकास में रोड़े अटकाए जाते हैं। कभी अभिव्यक्ति की स्वंतत्रता के नाम पर तो कभी किसी और चीज़ का सहारा लेकर।
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