कृषि कानून वापसी पर छिड़ी सियासत, कोई कह रहा सरकार की हार, तो किसी ने बताया चुनावी फैसला
कृषि कानून वापसी पर छिड़ी सियासत, कोई कह रहा सरकार की हार, तो किसी ने बताया चुनावी फैसला
गुरू पर्व के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने का निर्णय किया। बता दे, इन कानूनों के विरोध में भारत में पिछले एक साल से लगातार आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन में बहुत से किसानों ने अपनी जान तक गंवाई है। जिसको देखते हुए आज केंद्र सरकार इन तीनों बिलों को वापिस लेने का फैसला किया है।
तो वहीं दूसरी तरफ जबसे ये कानून वापसी की खबरें सबके सामने आई है। तब से इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। कई विपक्षी पार्टीयां इसको सरकार की हार बता रही है तो कई सरकार इस फैसलें को चुनावी फैसला बता रही है।
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इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, 700 से अधिक किसान परिवारों के सदस्यों ने न्याय के लिए इस संघर्ष में अपनी जान गवाई, आज उनका बलिदान रंग लाया है। आज सत्य, न्याय और अहिंसा की जीत हुई है।
दूसरी तरफ शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा, इन तीन काले कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ 1.5 साल की लड़ाई के बाद किसानों को जीत मिली है। आज उन 800 किसानों को याद करने का दिन है जिन्होंने इन क़ानूनों की वापसी के लिए अपनी जान गवाई। हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूल पाएंगे।
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