पीएफआई का आतंकी कनेक्शन खतरनाक

पीएफआई का आतंकी कनेक्शन खतरनाक

Janbhawana Times
Janbhawana Times

पीएफआई के बारे में जो नित्य खुलासे एनआईए और ईडी द्वारा किए जा रहे हैं वो हैरान करने वाले हैं। यह आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहा है। जांच एजेंसियों का दावा है कि युवाओं की आईएसआईएस में भर्ती करवाने के लिए पीएफआई से जुड़े लोग लिप्त हैं। संगठन से जुड़े लोगों पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं। एजेंसियां एक के बाद एक खुलासा कर रहीं हैं। संगठन का अपना जो भी तर्क हो लेकिन इतना तो यकीनन कहा जा सकता है कि इनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं और ये देश के विरुद्ध अपने कार्यों को अंजाम देने में लाखों लोगों को विभिन्न राज्यों में लगा रखा है। यह भी हैरानी की बात है कि 5 राज्यों में 30 हजार से ज्यादा कैडर इस संगठन के हैं। मुस्िलम देशों से इस संगठन के कैडरों को प्रतिमाह पैसे भेजे जाते हैं।

एनआईए का कहना है कि पीएफआई के खिलाफ जांच जरूरी है। इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता कि पीएफआई के इरादे खतरनाक हैं। यह भी सच है कि पीएफआई विदेशी ताकतों के हाथ खेलता है। तभी करोड़ो रुपये लाखों खातों में डालकर भारत को अस्थिर करने का षडयंत्र करता है। यह संगठन देश की सुरक्षा को खतरे में डालने का सतत प्रयास करता आ रहा है। वहीं, कुछ राजनीतिक दल भी भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ करने में ऐसे संगठनों के हाथ का खिलौना बन जाते हैं। चंदे के नाम पर रकम जमा करना धर्म के नाम पर युवाओं को गुमराह करना, कट्टरवादी बनाने की कोशिश, केंद्र सरकार की जन कल्याण योजनाओं के खिलाफ आवाज उठवाना जैसी हरकतें इस संगठन का प्रमुख उद्देश्य है। महाराष्ट्र की एटीएस ने तो बड़ा खुलासा कर सबको चौंका दिया है। एटीएस का कहना है कि पीएफआई ने 2047 के लिए खतरनाक प्लान बनाया था।

यही कारण है कि पीएफआई के खिलाफ 22 सितंबर को एनआईए और इडी ने देशव्यापी अभियान 15 राज्यों में चलाकर 106 लोगों को हिरासत में लिया। 23 सितंबर को पीएफआई ने केरल में बंद और हिंसक प्रदर्शन से यह संदेश देने की कोशिश की, कि हम सरकार को चुनौती दे सकते हैं। केरल के आरएसएस ऑफिस पर बम से हमला भी किया गया। लेकिन, पुलिस प्रशासन और एनआईए की संयुक्त कार्रवाई से पीएफआई के हौसले पस्त हो गए। पीएफआई पर यह भी आरोप लगा है कि वह अलकायदा और लश्कर आतंकी संगठनों में युवाओं की भर्ती करवाता है। मुंबई एटीएस के मुताबिक पीएफआई के एक आदमी ने सीक्रेट प्लान का खुलासा कर यह बताया कि पीएफआई भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता है और इसके लिए अहम दस्तावेज भी मिल हैं।

पीएफआई के खिलाफ कई अहम सबूत एनआईए और ईडी को मिले हैं। इसके आधार पर अगर कार्रवाई हो रही तो बौखलाहट क्यों? यहां एक बड़ा सवाल उन दलों के नेताओं के लिए है जो विभिन्न टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर पीएफआईए की वकालत करते नजर आ रहे हैं। देश सबसे ऊपर है और रहेगा। यह सोच सभी दलों की होनी चाहिए। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि कुछ दलों के नेताओं में हर कार्रवाई को तुष्टीकरण और वोट बैंक के नजरिये से देखने की आदत अभी तक नहीं गई है। और यही वजह है कि भारत जैसे ताकतवर देश के खिलाफ विदेशी षडयंत्र होने लगता है। पीएफआई के खिलाफ केरल हाईकोर्ट ने यहां तक कहा कि कार्रवाई के खिलाफ आपको प्रदर्शन करने का हक नहीं है। जांच एजेंसियां अपना काम करने के लिए स्वतंत्र हैं। देश हित में एजेंसियों की कार्रवाई पर हम अथवा आप सवाल नहीं उठा सकते हैं।

calender
24 September 2022, 07:30 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो