पर्यावरण पर मंडराया ख़तरा, धू-धू कर जल रहे हैं जंगल

गर्मी के मौसम में तपते सूरज के साथ-साथ आग की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। लेकिन अगर ये आग जंगलों तक पहुंच जाए तो फिर हमारे पर्यावरण पर भी संकट उत्पन्न होने लगता है। हर साल गर्मियों में उत्तराखंड के जंगल आग की चपेट में आ जाते हैं।

Janbhawana Times
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गर्मी के मौसम में तपते सूरज के साथ-साथ आग की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। लेकिन अगर ये आग जंगलों तक पहुंच जाए तो फिर हमारे पर्यावरण पर भी संकट उत्पन्न होने लगता है। हर साल गर्मियों में उत्तराखंड के जंगल आग की चपेट में आ जाते हैं। इस साल उत्तराखंड में जिस हिसाब से जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे पिछले साल की यादें ताजा हो जाती है। तब वनों की आग पर काबू पाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों की मदद लेनी पड़ी थी।

साल 2021 में प्रदेश में बीते 12 वर्षों में सर्वाधिक 2813 वन में आग की घटनाएं दर्ज की गईं थीं जिसमें तकरीबन 3943 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ था। उत्तराखंड में फरवरी से अब तक कुल 313 वन में आग की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उत्तराखंड के जंगलों में आग हर साल आने वाली ऐसी आपदा है जिसमें इंसानी दखल मुख्य वजह मानी जाती है। हर साल यहां सैकड़ों हेक्टेयर जंगल आग से खाक हो जाते हैं और इससे जैव विविधता, पर्यावरण और वन्य जीवों का भारी नुकसान पहुंचता है।

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15 April 2022, 09:20 PM IST

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