हाफिज सईद का जीजा ग्लोबल टेररिस्ट घोषित, कौन है अब्दुल रहमान मक्की?
दिल्ली में लाल किले हमले के साथ-साथ 7 बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने वाला मक्की अब वैश्विक आतंकवादी घोषित हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC ने आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अपनी आईएसआईएल और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत एक ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया।
दिल्ली में लाल किले हमले के साथ-साथ 7 बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने वाला मक्की अब वैश्विक आतंकवादी घोषित हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC ने आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अपनी आईएसआईएल और अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत एक ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया। इस घोषणा के बाद सबसे बड़ा झटका जहां पाकिस्तान को लगा है वहीं दूसरा झटका आतंकी हाफीज सईद को लगा है। दरअसल, मक्की हाफिज सईद का बहनोई है। दरअसल, 16 जून 2022 को चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव को आखिरी मौके में खलल डास दिया था। अमेरिका और भारत ने सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के लिए संयुक्त प्रस्ताव पेश किया था। आइए जानते हैं अब्दुल रहमान मक्की कौन है जिसे वैश्विक आतंकी घोषित करने से इस बार चीन भी नहीं रोक सका।
अब्दुल रहमान मक्की 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का सदस्य है। मक्की का पाकिस्तान इस्लामिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन अहल-ए-हदीस के अलावा लश्कर-ए-तोएबा में भी खासा दबदबा है। मक्की हाफीज सईद का सबसे खास रिश्तेदार था जो कि उसके काले कारनामे में हमेशा से उसका साथ देता था। भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने में मक्की हमेशा आगे रहता था। मुंबई को दहलाने में मक्की ने भी खतरनाक साजिश रची थी। वह धन जुटाने, भर्ती करने और जम्मू-कश्मीर में हमलों की योजना बनाने के लिए युवाओं को भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने में शामिल रहा है। उसने लश्कर के अभियानों और योजनाओं के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है।
अब आपको ये भी बता दें कि भारत में हुए सात आतंकवादी हमले में मक्की का हाथ रहा है जिसमें 22 दिसंबर 2000 में दिल्ली के लाल किले पर हमला भी शामिल है इस हमले में लश्कर ए तैयबा के 6 आतंकियों ने लाल किले में घुसकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग की थी जिसमें सेना के दो जवान समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। 1 जनवरी 2008 को रामपुर हमले में लश्कर के 5 आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था जिसमें 7 सीआरपीएफ जवानों और एक रिक्शा चालक की जान चली गई थी। लश्कर ने ही 26/11 को मुंबई में हमला कराया था। इस हमले में 175 लोगों की जान चली गई थी। 12-13 फरवरी 2018 में श्रीनगर के करण नगर में सीआरपीएफ कैंप में हुए आत्मघाती हमले में एक जवान शहीद हो गया था. जबकि एक पुलिसकर्मी जख्मी हुआ था। उसी साल 30 मई 2018 को बारामूला में लश्कर के आतंकियों ने तीन नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया था। 2018 में ही 14 जून को राइजिंग कश्मीर के एडिटर सुजात बुखारी और दो सिक्योरिटी गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लश्कर ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी इस दौरान भारतीय सेना के जवानों ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया था। इस हमले में चार जवान शहीद हो गए थे।
मक्की को पाकिस्तान की सरकार ने 15 मई 2019 को गिरफ्तार किया था। फिलहाव वो लाहौर में हाउस अरेस्ट है। 2020 में टेरर फंडिंग केस में मक्की को पाकिस्तानी कोर्ट ने सजा सुनाई थी।