Aero India 2025: बेंगलुरु के आसमान में Su-57 और F-35 में बिखेरा जलवा, दिखाए हैरतअंगेज करतब, देखते रह गए लोग
एशिया के सबसे बड़े एयर शो के 15वें संस्करण का आयोजन बेंगलुरु में 10 से 14 फरवरी तक चलेगा. 42 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में होने वाले इस शो में 900 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे, जिनमें 150 विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं. इस दौरान Su57 और F-35 पर सबकी नजरें रहेंगी. आइए जान लेते हैं कि ये दोनों लड़ाकू विमान कितने ताकतवर हैं?

बेंगलुरु में जारी एयरो इंडिया 2025 में ऐसा पहली बार हुआ है कि दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट एक दूसरे के आमने सामने खड़े हैं. रूस का सुखोई 57 और अमेरिकी लड़ाकू जहाज F-35 आसमानी ताकत दिखा रहे हैं. ये साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि कौन ज्यादा ताकतवर है. आपको बता दें कि सुखोई Su-57 एयरो इंडिया में पहली बार आया है, जबकि F-35 दूसरी बार अपना दमखम दिखा रहा है. आइए जानते हैं कि तुलनात्मक रूप से रूस के Su-57 और अमेरिका के F-35 में कौन कितना ताकतवर है.
पांच दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन दिवस पर दो उन्नत लड़ाकू विमानों ने भारी गर्जना के साथ आकाश में उड़ान भरी तथा हवा में हैरतअंगेज करतब दिखाए. एसयू-57 ने अपनी शानदार चपलता से दर्शकों को रोमांचित कर दिया. इसने रनवे पर थोड़ी देर की दौड़ के बाद उड़ान भरी और बहुत कम जगह की आवश्यकता के साथ हवा में तेजी से मुड़ गया. एफ35 को भी रनवे पर तेजी से उड़ान भरने के लिए बहुत कम समय लगा और इसकी तेजी काफी प्रभावशाली थी.
एशिया के सबसे बड़े एयर शो के 15वें संस्करण का आयोजन बेंगलुरु में 10 से 14 फरवरी तक चलेगा. 42 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में होने वाले इस शो में 900 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे, जिनमें 150 विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं. इस दौरान Su57 और F-35 पर सबकी नजरें रहेंगी. आइए जान लेते हैं कि ये दोनों लड़ाकू विमान कितने ताकतवर हैं?
तीन तरह की मिसाइलों से लैस है Su57
रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इतिहास में पहली बार एरो इंडिया 2025 में Su57 और F-35 अपना जलवा बिखेरेंगे. यह वैश्विक स्तर पर रक्षा सहयोग और तकनीकी विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इसमें शामिल होने वाला Su57 रूस का प्रीमियर स्टील्थ मल्टी रोल फाइटर जेटहै. इसे मुख्य रूप से हवा में उत्कृष्टता और हमले की क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है. यह एडवांस्ड एवियोनिक्स, सुपरक्रूज और स्टील्थ तकनीक से लैस है. यह एरो इंडिया 2025 में पहली बार हिस्सा लेगा. इस दौरान शो में आने वाले लोग हाई स्पीड हवाई दांवपेंच और फुर्तीलेपन के गवाह बनेंगे. Su-57 फाइटर जेट को हवा से हवा में मार करने में सक्षम छोटी, मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस किया गया है. इन मिसाइलों से इस रूसी फाइटर जेट को लंबी दूरी की हवाई लड़ाई में अलग ही फायदा मिलता है.
दो इंजन से लैस है Su57 लड़ाकू विमान
Su57 रूस का प्रीमियर स्टील्थ मल्टी रोल फाइटर जेट है. Su-57 फाइटर जेट में दो इंजन लगे होते हैं. यदि कोई एक इंजन फेल भी हो जाता है, तब भी यह फाइटर जेट उड़ान भरना जारी रख सकता है. साथ ही एक इंजन फेल होने पर भी सुरक्षित रूप से उतर सकता है. पिछले साल दिसंबर (दिसंबर 2024) में सरकारी रूसी विमान निर्माता कंपनी यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (यूएसी) के एक अधिकारी ने खुलासा किया था कि रूस के पांचवीं पीढ़ी के Su-57 फाइटर जेट को छठवीं पीढ़ी की लड़ाकू तकनीक से लैस किया गया है. यूएसी के महानिदेशक वादिम बडेखा ने कहा था कि पांचवीं पीढ़ी के Su-57 फाइटर जेट को 50 साल के आधुनिकीकरण के परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रख कर विकसित किया गया है.
लॉकहीड मार्टिन ने तैयार किया है F-35
अमेरिका के F-35 Lightning II फाइटर एयरक्राफ्ट को लॉकहीड मार्टिन ने तैयार किया है, जो सबसे अधिक तैनाती वाला पांचवीं पीढ़ी का एडवांस स्टील्थ तकनीक वाला फाइटर जेट है. F-35 लड़ाकू विमान दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक है. इसमें छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलें लगाई गई हैं. एक इंजन वाले इस विमान के स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस होने के कारण यह रडार की पकड़ में नहीं आता है और लगभग अदृश्य हो जाता है. इससे रूस का Su-57 फाइटर जेट और अमेरिका का F-35 Lightning II दोनों ही अत्यधिक सुरक्षित हवाई क्षेत्र में भी घुसपैठ कर लक्ष्य को भेद सकते हैं.
F-35 लड़ाकू विमान दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक है.
F-35 लड़ाकू विमान की तीन कैटेगरी हैं. पहला F-35 A लड़ाकू विमान वास्तव में आम विमानों की तरह ही टेकऑफ और लैंड करता है. दूसरा है F-35B लड़ाकू विमान जो शॉर्ट टेकऑफ और वर्टिकल लैंडिंग की क्षमता से लैस है. तीसरी कैटेगरी है F-35C. यह फाइटर जेट एयरक्रॉफ्ट कैरियर से भी उड़ान भरने में सक्षम है.
सुपरसोनिक स्पीड और सेंसर फ्यूजन से लैस
हवा से हवा और हवा से सतह पर मार करने में सक्षम बहुउद्देश्यीय क्षमताओं से युक्त F35 फाइटर प्लेन युद्ध के दौरान दुश्मनों को चित कर देता है. यह फाइटर प्लेन खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध ऑपरेशंस में भी हिस्सा ले सकता है. F-35 फाइटर जेट में अत्याधुनिक सेंसर लगाए गए हैं. इस सेंसर की मदद से डाटा को फाइटर पायलट के साथ साझा किया जा सकता है.
दरअसल, इस फाइटर जेट में लगाए गए सेंसर फ्यूजन रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर और इन्फ्रारेड सेंसर समेत कई सेंसर का डाटा जल्द से जल्द इकट्ठा कर पायलट तक पहुंचा देते हैं. इससे लक्ष्य की सटीक पहचान करने में मदद मिलती है. F-35 की अधिकतम गति मैक 1.6 है.


