दिल्ली-NCR में 1 जुलाई से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, प्रदूषण पर कसा शिकंजा
1 जुलाई से दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा. रिपोर्ट बताती है कि अब तक इन पर ठीक से कार्रवाई ही नहीं हुई है लेकिन अब सख्ती शुरू हो चुकी है. क्या आपके वाहन पर भी लागू होता है ये नियम? पूरी खबर पढ़िए और जानिए कब-कहां लगेगा बैन और कैसे होगा अमल!

New Delhi: दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों की हवा में ज़हर घोल रहे पुराने वाहनों की अब खैर नहीं. 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में और 1 नवंबर से कुछ एनसीआर जिलों में 10 साल से पुराने डीज़ल और 15 साल से पुराने पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा. ये फैसला केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने लिया है. मकसद है कि सड़कों पर चल रहे बूढ़े वाहनों को रोका जाए ताकि हवा थोड़ी साफ हो सके.
अब तक सिर्फ कागज़ों में कार्रवाई!
CAQM की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों पर कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ खास नहीं हुआ. दिल्ली में सिर्फ 1% गाड़ियों पर कार्रवाई हुई. हरियाणा, यूपी, राजस्थान जैसे राज्यों में तो 0.5% भी नहीं हुई. मार्च 2025 तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उनमें दिल्ली में 61 लाख से ज्यादा, हरियाणा में 27 लाख, यूपी में करीब 13 लाख और राजस्थान में 6 लाख से ऊपर गाड़ियां अपनी तय उम्र पार कर चुकी हैं.
प्रदूषण में 42% हिस्सा सिर्फ गाड़ियों का
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की जहरीली हवा में 42% प्रदूषण सिर्फ गाड़ियों के धुएं से होता है. पुराने वाहन तो नए वाहनों से भी ज्यादा धुआं छोड़ते हैं.
CAQM का बड़ा फैसला
CAQM ने साफ कहा है कि इन पुराने वाहनों को अब ईंधन नहीं दिया जाएगा. दिल्ली में 1 जुलाई से, और एनसीआर के 5 ज़िलों - गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, नोएडा और गाज़ियाबाद में 1 नवंबर से पेट्रोल पंपों पर ऐसे वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा. इसके लिए ऐसे खास कैमरे लगाए जाएंगे जो नंबर प्लेट को स्कैन कर गाड़ी की उम्र खुद-ब-खुद पहचान लेंगे. दिल्ली में जून तक और बाकी जिलों में अक्टूबर तक ये काम पूरा करने का टारगेट है.
2023-24 में कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
2023 में दिल्ली में 22,397 पुराने वाहनों पर कार्रवाई हुई, जबकि 2024 में यह संख्या बढ़कर 39,273 हो गई. मगर इतने बड़े आंकड़े के सामने यह ऊंट के मुंह में ज़ीरा ही है. हरियाणा, यूपी और राजस्थान में स्थिति और भी सुस्त है. अगर ये नियम सही से लागू हो गए, तो हवा की हालत कुछ हद तक सुधर सकती है. लेकिन असली फर्क तब आएगा जब कार्रवाई सिर्फ दिल्ली तक सीमित न रहकर पूरे NCR में ठोस तरीके से हो. जनता को भी अब जिम्मेदारी समझनी होगी कि पुरानी गाड़ियों को हटाना सिर्फ सरकार की नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी है.