पाकिस्तान को परोक्ष संदेश? जर्मनी ने भारत की आतंकवाद नीति का किया समर्थन
जर्मनी ने 22 अप्रैल को भारत में हुए आतंकी हमले की कड़ी आलोचना करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया. वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को एक बार फिर स्पष्ट रूप से दोहराया.

जर्मनी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का दृढ़ता से समर्थन किया है. जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने इस हमले की कठोर निंदा करते हुए पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.
आतंकवादी हमला बेहद क्रूर
अपने आधिकारिक बयान में वेडफुल ने कहा कि 22 अप्रैल को भारत में हुआ आतंकवादी हमला बेहद क्रूर और चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा कि भारत को आतंकवाद के विरुद्ध अपनी सुरक्षा करने का पूर्ण अधिकार है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि युद्धविराम की वर्तमान स्थिति सराहनीय है और इसे बनाए रखने की आवश्यकता है.
जर्मन विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और शांति बनाए रखने के लिए रचनात्मक संवाद की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत और जर्मनी के बीच आतंकवाद-रोधी सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है और भविष्य में इसे और विस्तारित करने की योजना है.
तीन देशों की यात्रा पर एस. जयशंकर
वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जो इस समय यूरोप के तीन देशों की यात्रा पर हैं और जर्मनी में मौजूद हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत के रुख को स्पष्ट किया. जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाता है. हम किसी भी प्रकार के परमाणु दबाव या ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही समस्याओं का समाधान खोजेगा. इस बारे में किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत इस बात की सराहना करता है कि जर्मनी ने एक राष्ट्र के तौर पर भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को पूरी तरह से मान्यता दी है.


