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भारत से पंगा लेकर मालदीव को आई अक्ल, 2023 के मुकाबिले कितना हुआ नुकसान

मालदीव टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारत के बड़े शहरों में एक खास कदम उठाने जा रहे हैं. आखिर जानिए क्या है वजह

JBT Desk
Edited By: JBT Desk

पिछले दिनों भारत के साथ रिश्ते खराब करने के बाद मालदीव की हालत खस्ता हो गई है. भारत को आंखे दिखाने के टूरिज्म में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. जिसका सीधा असर देश की आर्थिक हालत पर पड़ रहा है.  अब फिर से भारतीय टूरिस्ट्स को लुभाने के लिए नए-नए कदम उठा रहा है. मालदीव की टूरिज्म कंपनियां भारतियों को लुभाने के लिए बड़े शहरों में रोड शो करने का फैसला किया है. ताकि देश में हो रहे टूरिज्म को फिर से उसी जगह पर लाया जा सके. 

आपको बता दें कि मालदीव एक ऐसा देश है जो चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है ऐसे में वहां की सुंदरता को निहारने के लिए बड़ी तादाद में लोग जाते हैं. खास बात यह है कि वहां जाने वालों सबसे बड़ी तादाद भारतीयों की थी लेकिन पिछले दिनों चीन के साथ प्रेम और भारत को लेकर गलत नजरिया रखने वाले मुइज्जू व उनके मंत्रियों की वजह से उसे अब ऐसे हालात का सामना करना पड़ रहा है. अपनी चुनावी महिमों के दौरान 'इंडिया आउट' का नारा देने वाले मुइज्जू की नजदीकियां चीन से बढ़ने लगी थी. मुइज्जू ने इंडिया आउट मुहिम के तहत वहां तैनात भारतीय सैनिकों को बाहर करने की वादा किया था. 

इसके अलावा उनके कई मंत्रियों ने भी भारत को लेकर अपमानजनक बयान दिए थे. दरअसल जब पीएम मोदी लक्षद्वीप गए थे तो उनकी तस्वीरें देखने के बाद लक्षद्वीप और मालदीव की तुलना की जाने लगी. मालदीव को पिछड़ता देख मुइज्जू के मंत्रियों ने भारत को लेकर अपमानजनक टिप्पिणियां की थीं. तभी से भारतीय टूरिस्ट्स ने किनारा कर लिया था. हालांकि हाल में मंत्रियों ने माफी मांग ली है. 

जानकारी के मुताबिक साल 2023 में जनवरी से मार्च 56 हजार भारतीय टूरिस्ट मालदीव पहुंचे थे लेकिन इस साल यानी 2024 में आकड़े 34% कम हो गए हैं. पिछले साल यानी 2023 में सबसे ज्यादा भारतीय टूरिस्ट मालदीव पहुंचे थे. एक जानकारी के मुताबिक 2023 में 2 लाख से ज्यादा भारतीयों ने मालदीव की सैर की थी. 2023 तक भारत ऐसा देश था जिसके नागरिक मालदीव में सबसे ज्यादा जाते थे लेकिन 2024 में भारत छठें नंबर पर आ गया है. 

2023 के मुताबिक
1. भारत- 2 लाख 10 हजार
2. रूस- 2 लाख 9 हजार
3. चीन- 1 लाख 87 हजार
4. यूके- 1 लाख 55 हजार
5. जर्मनी- 1 लाख 35 हजार

2024 के मुताबिक
1. चीन- 71 हजार
2. ब्रिटेन- 66 हजार 
3. रूस- 66 हजार 
4. इटली- 61 हजार
5. जर्मनी- 52 हजार
6. भारत- 37 हजार

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12 April 2024, 11:33 AM IST

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