Karwa Chauth Katha: आखिर कुंवारी कन्या ही क्यों पढ़ती है करवाचौथ की कथा? जानें

Karwa Chauth Katha: जितना करवाचौथ के इस व्रत को पूरे दिल से पालन करना जरूरी है ठीक उसी प्रकार से जरूरी है चंद्रमा की पूजा - आराधना और इस दिन व्रत कथा को पढना.

Poonam Chaudhary
Poonam Chaudhary

Karwa Chauth Katha: करवाचौथ को हिंदू धर्म में बहुत ही अधिक महत्व दिया जाता है. यह दिन सुहागिनों के लिए एक विशेष पर्व है. मान्यता है कि इस दिन जो भी शादीशुदा महिला अपने पति के लिए यह निर्जल व्रत रखती हैं उसके सुहाग पर कोई मुसिबत नहीं आती और उसकी  लंबी आयु होती है अर्थात् सदा - सुहागिन रहने का वरदान मिलता है. 

जितना करवाचौथ के इस व्रत को पूरे दिल से पालन करना जरूरी है ठीक उसी प्रकार से जरूरी है चंद्रमा की पूजा - आराधना और इस दिन व्रत कथा को पढना. हालांकि शास्त्रों में कहा गया है कि व्रत कथा पढ़ने से जुड़े कई नियमों का पालन करना चाहिए.   

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने जानकारी देते हुए बताया है कि करवाचौथ की व्रत कथा शादीशुदा महिलाओं की बजाय किसी कुंवारी लड़की से पढ़ाई जाती है. आखिर क्यों ऐसा किया जाता है इस बारें में पूरी जानकारी देंगे- 

क्यों पढ़ती है कुंवारी कन्या ही करवाचौथ की कथा? 

मान्यता है कि करवाचौथ का व्रत मां पार्वती की पूजा के बिना सफल नहीं होती है. मां पार्वती को प्रथम सुहागिन महिला के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार से माता पार्वती ने शिव जी को पाने के लिए कड़ा तप किया और उन्हें पति के रूप में पाया. वही वरदान महादेव के स्वरूप में सुहागिनों को  मिलता है. 

करवाचौथ की कथा
करवाचौथ की कथा

इसलिए हिंदू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों को अनुसार किसी भी कुंवारी कन्या को माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है. कुवांरी कन्या का मन और शरीर पवित्रता सो परिपूर्ण होता है, इसी कारण से कन्या पूजन को धर्म कार्यों में सबसे श्रेष्ठ माना गया है. 

करवाचौथ पढ़ने के नियम -

बात करें करवाचौथ के नियमों के बारे में तो एक्सपर्ट का कहना है कि कुंवारी कन्या द्वारा करवाचौथ कथा पढ़ने का नियम कहीं भी शास्त्रों में नहीं लिखा है. हालांकि लोगों की यह मान्यता रही है जो अपने - अपने स्थानों और क्षेत्रों में निभाते चले आ रहें हैं.

लोक मान्यता कि मानें तो उनके अनुसार करवाचौथ की कथा कुंवारी कन्या द्वारा सुनने का कारण हैं कि इस व्रत का पुण्यफल अधिक मिले. सुहागिनों को सदा -सुहागिन रहने का वरदान मिले. 

calender
28 October 2023, 01:47 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो