क्या भारत में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाना गैरकानूनी है? अदालत ने16 आरोपियों की सजा को किया माफ

Madhya Pradesh: 7 मार्च को मध्यप्रदेश के बुरहानुप कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 16 आरोपियों को बरी कर दिया है. इन सभी लोगों पर भारत पाकिस्तान मैच में भारत की हार के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का आरोप लगा था. जिसके बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने हिरासत में लेकर काफी टॉर्चर किया था.

JBT Desk
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Madhya Pradesh Burhanup Court: साल 2017 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले में मध्यप्रदेश के 17 लोगों के ऊपर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने का आरोप लगा था. इस बात को लेकर गांव के कुछ लोगों ने इन लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया. बाद में पुलिस ने राजद्रोह का मामला हटाकर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाली धाराएं जोड़ कर सजा करार दी.

इस मामले पर सुनवाई करते हुए 7 मार्च को बुरहानुप कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 16 आरोपियों की सजा माफ कर दी है. इनमे से एक आरोपी ने सजा के दौरान खुदखुशी कर ली थी क्योंकि वह अपने उपर लगे देशद्रोही के इल्जाम के अपमान को सहन नहीं कर पाया.

कोर्ट ने क्या कहा

बुरहान कोर्ट के प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट देवेंद्र शर्मा ने इस मामले में 16 मुस्लिम पुरुषों को बरी करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता और सरकारी गवाहों ने अदालत को बताया कि उन पर झूठे आरोप लगाने के लिए दबाव डाला गया था. शर्मा ने 9 अक्टूबर 2023 को दिए फैसले में लिखा, "सभी सबूतों, दलीलों और चश्मदीदों को देखने के बाद इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि आरोपियों ने पाकिस्तान की हिमायत में नारे लगाए और पटाखे जलाए. इसके अलावा, पुलिस आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत उन पर मुकदमा चलाने के लिए भी सबूत देने में भी नाकाम रही. इस तरह, अदालत इस फैसले पर पहुंची है कि सभी आरोपियों को बरी कर दिया जाए.

क्या पाकिस्तान के बारे में बोलना भारत में अपराध है?

7 मार्च को, सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि पाकिस्तान या किसी अन्य देश को शुभकामनाएं देना कोई आपराधिक अपराध नहीं है. अदालत ने फैसले में स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश की पुलिस मशीनरी नागरिकों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की अवहेलना कर रही है. स्क्रॉल बताता है कि फैसले में क्या कहा गया है और पाकिस्तान समर्थक बयानों को अपराध घोषित करने का कोई कानूनी आधार क्यों नहीं है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, यह पूरा मामला मध्यप्रदेश के मोहद गांव का है. यहां जून 2017 को भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच में भारत की हार हुई थी. हार के बाद इस गांव के 17 लोगों पर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने और खुशियां मनाने का आरोप लगा था. इस मामले को लेकर गांव के कुछ लोगों ने 17 लोगों पर देशद्रोह का इल्जाम लगाते हुए मामला दर्ज कराया था.  इस मामले में 17 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस कस्टडी में उनके साथ क्रूर व्यवहार किया गया है. इस मामले में लगभग 6 साल मुकदमा चलने के बाद बुरहानपुर कोर्ट ने सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव के कारण बरी कर दिया है.

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21 March 2024, 11:58 AM IST

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