एक्ट्रेस के साथ बलात्कार के मामले में एक्टर दिलीप को कोर्ट ने किया बरी, 8 साल बाद आया फैसला
सोमवार को केरल की एर्नाकुलम मुख्य सत्र अदालत ने एक्टर दिलीप को बरी कर दिया है. 8 सालों तक चले इस मामले में जांच पड़ताल के बाद अहम फैसला लिया गया है.

तिरुवनंतपुरम: केरल की एर्नाकुलम मुख्य सत्र अदालत ने सोमवार को मलयालम फिल्मों के बड़े अभिनेता दिलीप को 2017 के चर्चित अभिनेत्री अपहरण और बलात्कार मामले में बरी कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष दिलीप की उस गुनाह में भागीदारी साबित नहीं कर पाई. आखिर एक्टर के ऊपर क्या आरोप लगा था ? आइए जानते हैं पूरा मामला.
आठ साल की लंबी लड़ाई का हुआ अंत
यह मामला फरवरी 2017 का है. एक प्रमुख मलयालम अभिनेत्री को उनकी कार से 17 फरवरी की रात अगवा कर लिया गया था. दो घंटे तक उनके साथ यौन शोषण किया गया और फिर छोड़ दिया गया. पीड़िता ने साहस दिखाते हुए केस दर्ज कराया जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा.
अभियोजन पक्ष का दावा था कि यह हमला एक बड़ी साजिश का हिस्सा था और दिलीप ने ही पूरी प्लानिंग की थी. उन पर बाद में सबूत मिटाने का भी आरोप लगा. लेकिन दिलीप ने शुरू से अपनी बेगुनाही की बात दोहराई.
कोर्ट में क्या हुआ ?
मुकदमे में कुल 261 गवाहों से पूछताछ हुई. इनमें कई फिल्मी हस्तियां भी थीं. हैरानी की बात यह रही कि 28 गवाह अपने पहले दिए बयान से मुकर गए. इससे अभियोजन पक्ष का केस कमजोर पड़ गया. अदालत ने 833 दस्तावेज और 142 भौतिक सबूत देखे. बता दें, बचाव पक्ष ने 221 दस्तावेज पेश किए. गवाहों की परीक्षा अकेले 438 दिनों तक चली.
किसे मिली सजा, कौन हुआ बरी?
दिलीप के अलावा तीन और लोग बरी हुए. लेकिन मामले के मुख्य आरोपी पल्सर सुनी (सुनील एनएस), मार्टिन एंटनी, मणिकंदन, विजेश, सलीम और प्रदीप सहित छह लोगों को बलात्कार और साजिश में दोषी ठहराया गया.
फैसला आते ही अदालत परिसर में मौजूद दिलीप ने कहा, “यह मेरे खिलाफ एक सोची-समझी साजिश थी. मैं अपने सभी वकीलों और मुझे सपोर्ट करने वाले हर शख्स का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं.” पीड़िता भी फैसले के समय अदालत में मौजूद थीं. आठ साल लंबी कानूनी जंग के बाद दिलीप को राहत मिली है, जबकि बाकी आरोपी अब सजा का सामना करेंगे.


