सूख गया पाकिस्तान का गला! नदियों का गिरा जलस्तर, सिंधु नदी का पानी बंद होने के बाद लगातार भारत को लिख रहा चिट्ठियां
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित कर दी, जिससे पाकिस्तान गंभीर जल संकट में फंसा है. पाकिस्तान ने चार बार संधि बहाली के लिए पत्र लिखा, पर भारत ने सख्त रुख बरकरार रखा. विश्व बैंक ने भी हस्तक्षेप से इनकार कर दिया. भारत जल परियोजनाएं तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने से पाकिस्तान गंभीर जल संकट से जूझ रहा है. इसी को लेकर इस्लामाबाद ने नई दिल्ली को चार बार पत्र लिखकर संधि को बहाल करने की गुहार लगाई है.
आतंकवादी हमले के बाद भारत का सख्त रुख
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा कूटनीतिक प्रहार करते हुए 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया. यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल वितरण को लेकर बनी थी, जिसकी मध्यस्थता विश्व बैंक ने की थी.
पाकिस्तान की चार बार अपील
पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा ने मई में भारत को पहला पत्र लिखा और संधि के स्थगन पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. इसके बाद तीन और पत्र भेजे गए, जिनमें संधि को बहाल करने की मांग की गई. भारत के जल शक्ति मंत्रालय ने इन सभी पत्रों को विदेश मंत्रालय को अग्रेषित कर दिया है.
विश्व बैंक ने बनाई दूरी
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने विश्व बैंक से भी इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की, लेकिन विश्व बैंक ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. समझौते के अनुसार, पूर्वी नदियाँ (सतलुज, व्यास, रावी) भारत को और पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को आवंटित की गई थीं.
प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक संबोधन में पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा, "पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते." भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद का "विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय" तरीके से समर्थन नहीं छोड़ता, तब तक सिंधु जल संधि को लागू नहीं किया जाएगा.
भारत की जल परियोजनाएं तेज़
भारत अब ब्यास नदी को गंगा नहर से जोड़ने के लिए 130 किलोमीटर लंबी नहर बनाने की योजना पर काम कर रहा है. साथ ही, सिंधु नदी को यमुना से जोड़ने के लिए 200 किलोमीटर लंबी परियोजना पर विचार किया जा रहा है, जिसमें 12 किलोमीटर लंबी सुरंग भी शामिल होगी.
इस परियोजना से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों को बड़ा लाभ मिलेगा. सरकार के अनुसार, परियोजना की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) जल्द तैयार की जाएगी और दो से तीन वर्षों में इसका काम पूरा हो सकता है.
पाकिस्तान में गहराता जल संकट
भारत द्वारा संधि स्थगित किए जाने के बाद पाकिस्तान में रबी की फसलें प्रभावित हो सकती हैं, जबकि खरीफ फसलों पर अपेक्षाकृत कम असर पड़ेगा. लेकिन जल संकट की वजह से पाकिस्तान की स्थिति पहले ही तनावपूर्ण हो चुकी है.


