राहुल गांधी ने बिहार से केंद्र को घेरा, कहा– जातिगत गिनती के बिना अधूरा है विकास
राहुल गांधी ने अपनी बिहार यात्रा के दौरान जाति आधारित जनगणना को जरूरी बताते हुए उसका मजबूती से समर्थन किया. उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए नीतीश कुमार सरकार को जिम्मेदार ठहराया और आर्थिक असमानता को दूर करने तथा आरक्षण नीति में सुधार की जरूरत पर जोर दिया.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को बिहार के राजगीर में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेते हुए जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस लंबे समय से इस पहल की मांग करती आ रही है और अब जब केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार किया है, तो यह जनता की आवाज की जीत है. गांधी ने संसद में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जाति जनगणना कराने की अपील की थी. उन्होंने यह भी आशंका जताई कि यदि पिछड़े वर्गों, दलितों और आदिवासियों की भागीदारी सुनिश्चित नहीं की गई, तो यह प्रक्रिया अधूरी रह जाएगी.
एनडीए सरकार पर तीखा हमला
अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने बिहार की वर्तमान एनडीए सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि बिहार, जो एक समय शांति और सामाजिक न्याय की मिसाल था, आज अपराध की राजधानी बनता जा रहा है. उन्होंने राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और बिगड़ती कानून व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा कि आज बिहार के युवा रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर हैं. खासकर वंचित तबकों के लोग गरीबी और बेरोजगारी के कारण कठिन जीवन जी रहे हैं.
राहुल गांधी ने देश में बढ़ती आर्थिक असमानता की ओर भी ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियों के अरबों के कर्ज माफ कर दिए जाते हैं, लेकिन गरीब, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों को कोई राहत नहीं दी जाती. उन्होंने वादा किया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह आरक्षण की 50% सीमा को समाप्त करने की दिशा में काम करेगी और बिहार इस सुधार का शुरुआती केंद्र होगा.
'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी को दी श्रद्धांजलि
अपने दौरे के दौरान गांधी ने गहलौर गांव जाकर 'माउंटेन मैन' दशरथ मांझी को श्रद्धांजलि दी और उनके बेटे भागीरथ मांझी से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने राजगीर में सामाजिक कार्यकर्ताओं और गया में महिलाओं के साथ संवाद किया, जहां शिक्षा, महिला अधिकार और सामाजिक भागीदारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.


