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SBI की चेतावनी...रूस से तेल आयात रुका तो बढ़ेगा 12 अरब डॉलर का अतिरिक्त बोझ

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस से तेल आयात बंद होने पर भारत का ईंधन बिल 2026 तक 9 अरब डॉलर और 2027 तक 11.7 अरब डॉलर बढ़ सकता है. हालांकि भारत ने 40 देशों से तेल खरीदकर आपूर्ति विविध की है, लेकिन वैश्विक कीमतें बढ़ने से लागत दबाव बना रहेगा.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

SBI On Oil Import Bill: भारतीय स्टेट बैंक के एक हालिया विश्लेषण के अनुसार, यदि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर देता है, तो देश के तेल आयात पर होने वाला वार्षिक खर्च तेज़ी से बढ़ सकता है. रिपोर्ट का अनुमान है कि यदि वित्त वर्ष 2025-26 की शेष अवधि में रूस से तेल आयात रोक दिया जाए, तो कीमतों में बढ़ोतरी के चलते वित्त वर्ष 2026 में ईंधन बिल करीब 9 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 2027 में लगभग 11.7 अरब डॉलर तक अतिरिक्त बढ़ सकता है.

एसबीआई ने स्पष्ट किया कि रूस से आयात बंद होने पर केवल वित्त वर्ष 2026 में ही भारत को अतिरिक्त 9 अरब डॉलर का झटका लग सकता है. यह अनुमान वर्तमान वैश्विक कीमतों और आपूर्ति की परिस्थितियों पर आधारित है.

वैश्विक कीमतों पर असर

रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि सभी देश रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद कर दें और साथ ही कोई अन्य बड़ा उत्पादक अपने उत्पादन में बढ़ोतरी न करे, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें करीब 10% तक उछल सकती हैं.

रूस से बढ़ी भारत की निर्भरता

2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने मास्को पर कठोर प्रतिबंध लगाए. इसके बावजूद, भारत ने अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को सुरक्षित रखने के लिए रूसी तेल की खरीद में उल्लेखनीय इजाफा किया. रूस ने कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल तय कर रियायत दी, जिससे भारत को सस्ते दरों पर आपूर्ति मिली.

वित्त वर्ष 2020 में भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी केवल 1.7% थी, जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 35.1% हो गई. मात्रा के लिहाज से, भारत ने वित्त वर्ष 2025 में कुल 245 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) तेल आयात में से 88 एमएमटी रूस से खरीदा. इससे पहले इराक भारत का शीर्ष आपूर्तिकर्ता था, जबकि सऊदी अरब और यूएई क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.

आपूर्ति स्रोतों का विविधीकरण

भारत ने केवल रूस से खरीद बढ़ाने पर ही ध्यान नहीं दिया, बल्कि तेल के स्रोतों का विस्तार भी किया है. वर्तमान में भारत लगभग 40 देशों से तेल मंगाता है, जिनमें गुयाना, ब्राज़ील और कनाडा जैसे नए आपूर्तिकर्ता भी शामिल हैं. इससे आपूर्ति के जोखिम को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिली है.

भविष्य की चुनौतियां

एसबीआई का मानना है कि रूस से आयात बंद होने पर लागत में बढ़ोतरी का दबाव स्पष्ट होगा, लेकिन भारत का विस्तृत आपूर्ति नेटवर्क और अन्य देशों के साथ दीर्घकालिक अनुबंध इस झटके को कुछ हद तक संतुलित कर सकते हैं. फिर भी, रूसी निर्यात में कमी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के बढ़ने से पेट्रोलियम उत्पादों की लागत पर असर पड़ना तय है.

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08 August 2025, 04:54 PM IST

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